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وَهُوَ الَّذِيْٓ اَحْيَاكُمْ ۖ ثُمَّ يُمِيْتُكُمْ ثُمَّ يُحْيِيْكُمْۗ اِنَّ الْاِنْسَانَ لَكَفُوْرٌ   ( الحج: ٦٦ )

And He
وَهُوَ
और वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِىٓ
जिसने
gave you life
أَحْيَاكُمْ
ज़िन्दा किया तुम्हें
then
ثُمَّ
फिर
He will cause you to die
يُمِيتُكُمْ
वो मौत देगा तुम्हें
then
ثُمَّ
फिर
He will give you life (again)
يُحْيِيكُمْۗ
वो ज़िन्दा करेगा तुम्हें
Indeed
إِنَّ
यक़ीनन
man
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान
(is) surely ungrateful
لَكَفُورٌ
अलबत्ता बहुत नाशुक्रा है

Wahuwa allathee ahyakum thumma yumeetukum thumma yuhyeekum inna alinsana lakafoorun (al-Ḥajj 22:66)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और वही है जिसने तुम्हें जीवन प्रदान किया। फिर वही तुम्हें मृत्यु देता है और फिर वही तुम्हें जीवित करनेवाला है। निस्संदेह मानव बड़ा ही अकृतज्ञ है

English Sahih:

And He is the one who gave you life; then He causes you to die and then will [again] give you life. Indeed, mankind is ungrateful. ([22] Al-Hajj : 66)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और वही तो क़ादिर मुत्तलिक़ है जिसने तुमको (पहली बार माँ के पेट में) जिला उठाया फिर वही तुमको मार डालेगा फिर वही तुमको दोबारा ज़िन्दगी देगा