وَّلِيَعْلَمَ الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ اَنَّهُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ فَيُؤْمِنُوْا بِهٖ فَتُخْبِتَ لَهٗ قُلُوْبُهُمْۗ وَاِنَّ اللّٰهَ لَهَادِ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اِلٰى صِرَاطٍ مُّسْتَقِيْمٍ ( الحج: ٥٤ )
Waliya'lama allatheena ootoo al'ilma annahu alhaqqu min rabbika fayuminoo bihi fatukhbita lahu quloobuhum wainna Allaha lahadi allatheena amanoo ila siratin mustaqeemin (al-Ḥajj 22:54)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और ताकि वे लोग जिन्हें ज्ञान मिला है, जान लें कि यह तुम्हारे रब की ओर से सत्य है। अतः वे इसपर ईमान लाएँ और उसके सामने उनके दिल झुक जाएँ और निश्चय ही अल्लाह ईमान लानेवालों को अवश्य सीधा मार्ग दिखाता है
English Sahih:
And so those who were given knowledge may know that it is the truth from your Lord and [therefore] believe in it, and their hearts humbly submit to it. And indeed is Allah the Guide of those who have believed to a straight path. ([22] Al-Hajj : 54)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (इसलिए भी) ताकि जिन लोगों को (कुतूबे समावी का) इल्म अता हुआ है वह जान लें कि ये (वही) बेशक तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से ठीक ठीक (नाज़िल) हुईहै फिर (ये ख्याल करके) इस पर वह लोग ईमान लाए फिर उनके दिल खुदा के सामने आजिज़ी करें और इसमें तो शक ही नहीं कि जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया उनकी खुदा सीधी राह तक पहुँचा देता है