اَلَّذِيْنَ اِنْ مَّكَّنّٰهُمْ فِى الْاَرْضِ اَقَامُوا الصَّلٰوةَ وَاٰتَوُا الزَّكٰوةَ وَاَمَرُوْا بِالْمَعْرُوْفِ وَنَهَوْا عَنِ الْمُنْكَرِۗ وَلِلّٰهِ عَاقِبَةُ الْاُمُوْرِ ( الحج: ٤١ )
Allatheena in makkannahum fee alardi aqamoo alssalata waatawoo alzzakata waamaroo bialma'roofi wanahaw 'ani almunkari walillahi 'aqibatu alomoori (al-Ḥajj 22:41)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ये वे लोग है कि यदि धरती में हम उन्हें सत्ता प्रदान करें तो वे नमाज़ का आयोजन करेंगे और ज़कात देंगे और भलाई का आदेश करेंगे और बुराई से रोकेंगे। और सब मामलों का अन्तिम परिणाम अल्लाह ही के हाथ में है
English Sahih:
[And they are] those who, if We give them authority in the land, establish prayer and give Zakah and enjoin what is right and forbid what is wrong. And to Allah belongs the outcome of [all] matters. ([22] Al-Hajj : 41)