ذٰلِكَ وَمَنْ يُّعَظِّمْ حُرُمٰتِ اللّٰهِ فَهُوَ خَيْرٌ لَّهٗ عِنْدَ رَبِّهٖۗ وَاُحِلَّتْ لَكُمُ الْاَنْعَامُ اِلَّا مَا يُتْلٰى عَلَيْكُمْ فَاجْتَنِبُوا الرِّجْسَ مِنَ الْاَوْثَانِ وَاجْتَنِبُوْا قَوْلَ الزُّوْرِ ۙ ( الحج: ٣٠ )
Thalika waman yu'aththim hurumati Allahi fahuwa khayrun lahu 'inda rabbihi waohillat lakumu alan'amu illa ma yutla 'alaykum faijtaniboo alrrijsa mina alawthani waijtaniboo qawla alzzoori (al-Ḥajj 22:30)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इन बातों का ध्यान रखों और जो कोई अल्लाह द्वारा निर्धारित मर्यादाओं का आदर करे, तो यह उसके रब के यहाँ उसी के लिए अच्छा है। और तुम्हारे लिए चौपाए हलाल है, सिवाय उनके जो तुम्हें बताए गए हैं। तो मूर्तियों की गन्दगी से बचो और बचो झूठी बातों से
English Sahih:
That [has been commanded], and whoever honors the sacred ordinances of Allah – it is best for him in the sight of his Lord. And permitted to you are the grazing livestock, except what is recited to you. So avoid the uncleanliness of idols and avoid false statement, ([22] Al-Hajj : 30)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और इसके अलावा जो शख्स खुदा की हुरमत वाली चीज़ों की ताज़ीम करेगा तो ये उसके पवरदिगार के यहाँ उसके हक़ में बेहतर है और उन जानवरों के अलावा जो तुमसे बयान किए जाँएगे कुल चारपाए तुम्हारे वास्ते हलाल किए गए तो तुम नापाक बुतों से बचे रहो और लग़ो बातें गाने वग़ैरह से बचे रहो