فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ فَكَشَفْنَا مَا بِهٖ مِنْ ضُرٍّ وَّاٰتَيْنٰهُ اَهْلَهٗ وَمِثْلَهُمْ مَّعَهُمْ رَحْمَةً مِّنْ عِنْدِنَا وَذِكْرٰى لِلْعٰبِدِيْنَ ۚ ( الأنبياء: ٨٤ )
So We responded
فَٱسْتَجَبْنَا
तो दुआ क़ुबूल कर ली हमने
to him
لَهُۥ
उसकी
and We removed
فَكَشَفْنَا
तो दूर कर दी हमने
what
مَا
जो कुछ
(was) on him
بِهِۦ
उसे
of
مِن
तक्लीफ़ थी
(the) adversity
ضُرٍّۖ
तक्लीफ़ थी
And We gave him
وَءَاتَيْنَٰهُ
और दिए हमने उसे
his family
أَهْلَهُۥ
अहल व अयाल उसके
and (the) like thereof
وَمِثْلَهُم
और उनकी मानिन्द
with them
مَّعَهُمْ
साथ उसके
(as) Mercy
رَحْمَةً
बतौर ए रहमत
from Ourselves
مِّنْ
अपने पास से
from Ourselves
عِندِنَا
अपने पास से
and a reminder
وَذِكْرَىٰ
और नसीहत
for the worshippers
لِلْعَٰبِدِينَ
इबादत करने वालों के लिए
Faistajabna lahu fakashafna ma bihi min durrin waataynahu ahlahu wamithlahum ma'ahum rahmatan min 'indina wathikra lil'abideena (al-ʾAnbiyāʾ 21:84)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अतः हमने उसकी सुन ली और जिस तकलीफ़ में वह पड़ा था उसको दूर कर दिया, और हमने उसे उसके परिवार के लोग दिए और उनके साथ उनके जैसे और भी दिए अपने यहाँ दयालुता के रूप में और एक याददिहानी के रूप में बन्दगी करनेवालों के लिए
English Sahih:
So We responded to him and removed what afflicted him of adversity. And We gave him [back] his family and the like thereof with them as mercy from Us and a reminder for the worshippers [of Allah]. ([21] Al-Anbya : 84)