فَفَهَّمْنٰهَا سُلَيْمٰنَۚ وَكُلًّا اٰتَيْنَا حُكْمًا وَّعِلْمًاۖ وَّسَخَّرْنَا مَعَ دَاوٗدَ الْجِبَالَ يُسَبِّحْنَ وَالطَّيْرَۗ وَكُنَّا فٰعِلِيْنَ ( الأنبياء: ٧٩ )
Fafahhamnaha sulaymana wakullan atayna hukman wa'ilman wasakhkharna ma'a dawooda aljibala yusabbihna waalttayra wakunna fa'ileena (al-ʾAnbiyāʾ 21:79)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तब हमने उसे सुलैमान को समझा दिया और यूँ तो हरेक को हमने निर्णय-शक्ति और ज्ञान प्रदान किया था। और दाऊद के साथ हमने पहाड़ों को वशीभूत कर दिया था, जो तसबीह करते थे, और पक्षियों को भी। और ऐसा करनेवाले हम भी थे
English Sahih:
And We gave understanding of it [i.e., the case] to Solomon, and to each [of them] We gave judgement and knowledge. And We subjected the mountains to exalt [Us], along with David and [also] the birds. And We were doing [that]. ([21] Al-Anbya : 79)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तो हमने सुलेमान को (इसका सही फ़ैसला समझा दिया) और (यूँ तो) सबको हम ही ने फहमे सलीम और इल्म अता किया और हम ही ने पहाड़ों को दाऊद का ताबेए बना दिया था कि उनके साथ (खुदा की) तस्बीह किया करते थे और परिन्दों को (भी ताबेए कर दिया था) और हम ही (ये अज़ाब) किया करते थे