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وَنَصَرْنٰهُ مِنَ الْقَوْمِ الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَاۗ اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمَ سَوْءٍ فَاَغْرَقْنٰهُمْ اَجْمَعِيْنَ   ( الأنبياء: ٧٧ )

And We helped him
وَنَصَرْنَٰهُ
और मदद की हमने उसकी
from
مِنَ
उन लोगों के मुक़ाबले में
the people
ٱلْقَوْمِ
उन लोगों के मुक़ाबले में
who
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
denied
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
Our Signs
بِـَٔايَٰتِنَآۚ
हमारी आयात को
Indeed they
إِنَّهُمْ
बेशक वो
were
كَانُوا۟
थे वो
a people
قَوْمَ
लोग
evil
سَوْءٍ
बुरे
so We drowned them
فَأَغْرَقْنَٰهُمْ
तो ग़र्क़ कर दिया हमने उनको
all
أَجْمَعِينَ
सब के सब को

Wanasarnahu mina alqawmi allatheena kaththaboo biayatina innahum kanoo qawma sawin faaghraqnahum ajma'eena (al-ʾAnbiyāʾ 21:77)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

औऱ उस क़ौम के मुक़ाबले में जिसने हमारी आयतों को झुठला दिया था, हमने उसकी सहायता की। वास्तव में वे बुरे लोग थे। अतः हमने उन सबको डूबो दिया

English Sahih:

And We aided [i.e., saved] him from the people who denied Our signs. Indeed, they were a people of evil, so We drowned them, all together. ([21] Al-Anbya : 77)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया था उनके मुक़ाबले में उनकी मदद की बेशक ये लोग (भी) बहुत बुरे लोग थे तो हमने उन सबको डुबो मारा