اَوَلَمْ يَرَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اَنَّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ كَانَتَا رَتْقًا فَفَتَقْنٰهُمَاۗ وَجَعَلْنَا مِنَ الْمَاۤءِ كُلَّ شَيْءٍ حَيٍّۗ اَفَلَا يُؤْمِنُوْنَ ( الأنبياء: ٣٠ )
Do not
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
see
يَرَ
देखा
those who
ٱلَّذِينَ
उन लोगों ने जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوٓا۟
कुफ़्र किया
that
أَنَّ
कि बेशक
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमान
and the earth
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन
were
كَانَتَا
थे वो दोनों
a joined entity
رَتْقًا
मिले हुए
then We parted them
فَفَتَقْنَٰهُمَاۖ
तो जुदा-जुदा कर दिया हमने उन दोनों को
and We made
وَجَعَلْنَا
और बनाई हमने
from
مِنَ
पानी से
[the] water
ٱلْمَآءِ
पानी से
every
كُلَّ
हर चीज़
living thing?
شَىْءٍ
हर चीज़
living thing?
حَىٍّۖ
ज़िन्दा
Then will not
أَفَلَا
क्या फिर नहीं
they believe?
يُؤْمِنُونَ
वो ईमान लाते
Awalam yara allatheena kafaroo anna alssamawati waalarda kanata ratqan fafataqnahuma waja'alna mina almai kulla shayin hayyin afala yuminoona (al-ʾAnbiyāʾ 21:30)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या उन लोगों ने जिन्होंने इनकार किया, देखा नहीं कि ये आकाश और धरती बन्द थे। फिर हमने उन्हें खोल दिया। और हमने पानी से हर जीवित चीज़ बनाई, तो क्या वे मानते नहीं?
English Sahih:
Have those who disbelieved not considered that the heavens and the earth were a joined entity, and then We separated them and made from water every living thing? Then will they not believe? ([21] Al-Anbya : 30)