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مَا يَأْتِيْهِمْ مِّنْ ذِكْرٍ مِّنْ رَّبِّهِمْ مُّحْدَثٍ اِلَّا اسْتَمَعُوْهُ وَهُمْ يَلْعَبُوْنَ ۙ  ( الأنبياء: ٢ )

Not
مَا
नहीं
comes to them
يَأْتِيهِم
आता उनके पास
of
مِّن
कोई ज़िक्र
a Reminder
ذِكْرٍ
कोई ज़िक्र
from
مِّن
उनके रब की तरफ़ से
their Lord
رَّبِّهِم
उनके रब की तरफ़ से
anew
مُّحْدَثٍ
नया
except
إِلَّا
मगर
they listen to it
ٱسْتَمَعُوهُ
वो सुनते हैं उसे
while they
وَهُمْ
जब कि वो
(are at) play
يَلْعَبُونَ
वो खैल रहे होते हैं

Ma yateehim min thikrin min rabbihim muhdathin illa istama'oohu wahum yal'aboona (al-ʾAnbiyāʾ 21:2)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके पास जो ताज़ा अनुस्मृति भी उनके रब की ओर से आती है, उसे वे हँसी-खेल करते हुए ही सुनते है

English Sahih:

No mention [i.e., revelation] comes to them anew from their Lord except that they listen to it while they are at play ([21] Al-Anbya : 2)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जब उनके परवरदिगार की तरफ से उनके पास कोई नया हुक्म आता है तो उसे सिर्फ कान लगाकर सुन लेते हैं और (फिर उसका) हँसी खेल उड़ाते हैं