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وَلَهٗ مَنْ فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ وَمَنْ عِنْدَهٗ لَا يَسْتَكْبِرُوْنَ عَنْ عِبَادَتِهٖ وَلَا يَسْتَحْسِرُوْنَ ۚ  ( الأنبياء: ١٩ )

And to Him (belongs)
وَلَهُۥ
और उसी के लिए है
whoever
مَن
जो
(is) in
فِى
आसमानों में
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
and the earth
وَٱلْأَرْضِۚ
और ज़मीन में है
And (those) who
وَمَنْ
और जो
(are) near Him
عِندَهُۥ
उसके पास हैं
not
لَا
नहीं वो तकब्बुर करते
they are arrogant
يَسْتَكْبِرُونَ
नहीं वो तकब्बुर करते
to
عَنْ
उसकी इबादत से
worship Him
عِبَادَتِهِۦ
उसकी इबादत से
and not
وَلَا
और ना
they tire
يَسْتَحْسِرُونَ
वो थकते हैं

Walahu man fee alssamawati waalardi waman 'indahu la yastakbiroona 'an 'ibadatihi wala yastahsiroona (al-ʾAnbiyāʾ 21:19)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और आकाशों और धरती में जो कोई है उसी का है। और जो (फ़रिश्ते) उसके पास है वे न तो अपने को बड़ा समझकर उसकी बन्दगी से मुँह मोड़ते है औऱ न वे थकते है

English Sahih:

To Him belongs whoever is in the heavens and the earth. And those near Him [i.e., the angels] are not prevented by arrogance from His worship, nor do they tire. ([21] Al-Anbya : 19)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

हालाँकि जो लोग (फरिश्ते) आसमान और ज़मीन में हैं (सब) उसी के (बन्दे) हैं और जो (फरिश्ते) उस सरकार में हैं न तो वह उसकी इबादत की शेख़ी करते हैं और न थकते हैं