Skip to main content

قَالَ فَاذْهَبْ فَاِنَّ لَكَ فِى الْحَيٰوةِ اَنْ تَقُوْلَ لَا مِسَاسَۖ وَاِنَّ لَكَ مَوْعِدًا لَّنْ تُخْلَفَهٗۚ وَانْظُرْ اِلٰٓى اِلٰهِكَ الَّذِيْ ظَلْتَ عَلَيْهِ عَاكِفًا ۗ لَنُحَرِّقَنَّهٗ ثُمَّ لَنَنْسِفَنَّهٗ فِى الْيَمِّ نَسْفًا   ( طه: ٩٧ )

He said
قَالَ
कहा
"Then go
فَٱذْهَبْ
पस जाओ
And indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
for you
لَكَ
तेरे लिए है
in
فِى
ज़िन्दगी में
the life
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी में
that
أَن
ये कि
you will say
تَقُولَ
तू कहता रहे
"(Do) not
لَا
ना छूना
touch'"
مِسَاسَۖ
ना छूना
And indeed
وَإِنَّ
और बेशक
for you
لَكَ
तेरे लिए
(is) an appointment
مَوْعِدًا
वादा का एक वक़्त मुक़र्रर है
never
لَّن
हरगिज़ ना
you will fail to (keep) it
تُخْلَفَهُۥۖ
तू पीछे छोड़ा जाएगा इससे
And look
وَٱنظُرْ
और देख
at
إِلَىٰٓ
तरफ़ अपने इलाह के
your god
إِلَٰهِكَ
तरफ़ अपने इलाह के
that which
ٱلَّذِى
वो जो
you have remained
ظَلْتَ
रहा तू
to it
عَلَيْهِ
उस पर
devoted
عَاكِفًاۖ
जम कर बैठने वाला
Surely we will burn it
لَّنُحَرِّقَنَّهُۥ
अलबत्ता हम ज़रूर जला डालेंगे उसे
then
ثُمَّ
फिर
certainly we will scatter it
لَنَنسِفَنَّهُۥ
अलबत्ता हम ज़रूर बिखेर देंगे उसे
in
فِى
दरिया में
the sea
ٱلْيَمِّ
दरिया में
(in) particles"
نَسْفًا
बिखेर देना

Qala faithhab fainna laka fee alhayati an taqoola la misasa wainna laka maw'idan lan tukhlafahu waonthur ila ilahika allathee thalta 'alayhi 'akifan lanuharriqannahu thumma lanansifannahu fee alyammi nasfan (Ṭāʾ Hāʾ 20:97)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहा, 'अच्छा, तू जा! अब इस जीवन में तेरे लिए यही है कि कहता रहे, कोई छुए नहीं! और निश्चित वादा है, जो तेरे लिए एक निश्चित वादा है, जो तुझपर से कदापि न टलेगा। और देख अपने इष्ट-पूज्य को जिसपर तू रीझा-जमा बैठा था! हम उसे जला डालेंगे, फिर उसे चूर्ण-विचूर्ण करके दरिया में बिखेर देंगे।'

English Sahih:

[Moses] said, "Then go. And indeed, it is [decreed] for you in [this] life to say, 'No contact.' And indeed, you have an appointment [in the Hereafter] you will not fail to keep. And look at your 'god' to which you remained devoted. We will surely burn it and blow it [i.e., its ashes] into the sea with a blast. ([20] Taha : 97)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उस वक्त मुझे मेरे नफ्स ने यही सुझाया मूसा ने कहा चल (दूर हो) तेरे लिए (इस दुनिया की) ज़िन्दगी में तो (ये सज़ा है) तू कहता फ़िरेगा कि मुझे न छूना (वरना बुख़ार चढ़ जाएगा) और (आख़िरत में भी) यक़ीनी तेरे लिए (अज़ाब का) वायदा है कि हरगिज़ तुझसे ख़िलाफ़ न किया जाएगा और तू अपने माबूद को तो देख जिस (की इबादत) पर तू डट बैठा था कि हम उसे यक़ीनन जलाकर (राख) कर डालेंगे फिर हम उसे तितिर बितिर करके दरिया में उड़ा देगें