Skip to main content

وَمَنْ يَّأْتِهٖ مُؤْمِنًا قَدْ عَمِلَ الصّٰلِحٰتِ فَاُولٰۤىِٕكَ لَهُمُ الدَّرَجٰتُ الْعُلٰى ۙ  ( طه: ٧٥ )

But whoever
وَمَن
और जो
comes to Him
يَأْتِهِۦ
आएगा उसके पास
(as) a believer
مُؤْمِنًا
मोमिन होकर
verily
قَدْ
तहक़ीक़
he has done
عَمِلَ
उसने अमल किए
the righteous deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
for them
لَهُمُ
उनके लिए
(will be) the ranks
ٱلدَّرَجَٰتُ
दर्जे हैं
[the] high
ٱلْعُلَىٰ
बुलँद

Waman yatihi muminan qad 'amila alssalihati faolaika lahumu alddarajatu al'ula (Ṭāʾ Hāʾ 20:75)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो कोई उसके पास मोमिन होकर आया, जिसने अच्छे कर्म किए होंगे, तो ऐसे लोगों के लिए तो ऊँचे दर्जें है

English Sahih:

But whoever comes to Him as a believer having done righteous deeds – for those will be the highest degrees [in position]: ([20] Taha : 75)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(सिसकता रहेगा) और जो शख्स उसके सामने ईमानदार हो कर हाज़िर होगा और उसने अच्छे-अच्छे काम भी किए होंगे तो ऐसे ही लोग हैं जिनके लिए बड़े-बड़े बुलन्द रूतबे हैं