Ma anzalna 'alayka alqurana litashqa
हमने तुमपर यह क़ुरआन इसलिए नहीं उतारा कि तुम मशक़्क़त में पड़ जाओ
Illa tathkiratan liman yakhsha
यह तो बस एक अनुस्मृति है, उसके लिए जो डरे,
Tanzeelan mimman khalaqa alarda waalssamawati al'ula
भली-भाँति अवतरित हुआ है उस सत्ता की ओर से, जिसने पैदा किया है धरती और उच्च आकाशों को
Alrrahmanu 'ala al'arshi istawa
वह रहमान है, जो राजासन पर विराजमान हुआ
Lahu ma fee alssamawati wama fee alardi wama baynahuma wama tahta alththara
उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है और जो कुछ इन दोनों के मध्य है और जो कुछ आर्द्र मिट्टी के नीचे है
Wain tajhar bialqawli fainnahu ya'lamu alssirra waakhfa
तुम चाहे बात पुकार कर कहो (या चुपके से), वह तो छिपी हुई और अत्यन्त गुप्त बात को भी जानता है
Allahu la ilaha illa huwa lahu alasmao alhusna
अल्लाह, कि उसके सिवा कोई पूज्य-प्रभू नहीं। उसके नाम बहुत ही अच्छे हैं।
Wahal ataka hadeethu moosa
क्या तुम्हें मूसा की भी ख़बर पहुँची?
Ith raa naran faqala liahlihi omkuthoo innee anastu naran la'allee ateekum minha biqabasin aw ajidu 'ala alnnari hudan
जबकि उसने एक आग देखी तो उसने अपने घरवालों से कहा, 'ठहरो! मैंने एक आग देखी है। शायद कि तुम्हारे लिए उसमें से कोई अंगारा ले आऊँ या उस आग पर मैं मार्ग का पता पा लूँ।'
القرآن الكريم: | طه |
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आयत सजदा (سجدة): | - |
सूरा (latin): | Taha |
सूरा: | 20 |
कुल आयत: | 135 |
कुल शब्द: | 1641 |
कुल वर्ण: | 5242 |
रुकु: | 8 |
वर्गीकरण: | मक्कन सूरा |
Revelation Order: | 45 |
से शुरू आयत: | 2348 |