وَلَنْ يَّتَمَنَّوْهُ اَبَدًاۢ بِمَا قَدَّمَتْ اَيْدِيْهِمْ ۗ وَاللّٰهُ عَلِيْمٌ ۢ بِالظّٰلِمِيْنَ ( البقرة: ٩٥ )
And never (will)
وَلَن
और हरगिज़ नहीं
they wish for it
يَتَمَنَّوْهُ
वो तमन्ना करेंगे उसकी
ever
أَبَدًۢا
कभी भी
because
بِمَا
बवजह उसके जो
(of what) sent ahead
قَدَّمَتْ
आगे भेजा
their hands
أَيْدِيهِمْۗ
उनके हाथों ने
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) All-Knower
عَلِيمٌۢ
ख़ूब जानने वाला है
of the wrongdoers
بِٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों को
Walan yatamannawhu abadan bima qaddamat aydeehim waAllahu 'aleemun bialththalimeena (al-Baq̈arah 2:95)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अपने हाथों इन्होंने जो कुछ आगे भेजा है उसके कारण वे कदापि उसकी कामना न करेंगे; अल्लाह तो जालिमों को भली-भाँति जानता है
English Sahih:
But never will they wish for it, ever, because of what their hands have put forth. And Allah is Knowing of the wrongdoers. ([2] Al-Baqarah : 95)