وَقَالُوْا قُلُوْبُنَا غُلْفٌ ۗ بَلْ لَّعَنَهُمُ اللّٰهُ بِكُفْرِهِمْ فَقَلِيْلًا مَّا يُؤْمِنُوْنَ ( البقرة: ٨٨ )
And they said
وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
"Our hearts
قُلُوبُنَا
दिल हमारे
(are) wrapped"
غُلْفٌۢۚ
ग़िलाफ़ हैं
Nay
بَل
बल्कि (नहीं)
has cursed them
لَّعَنَهُمُ
लानत की उन पर
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
for their disbelief
بِكُفْرِهِمْ
बवजह उनके कुफ़्र के
so little
فَقَلِيلًا
पस कितना कम
(is) what
مَّا
पस कितना कम
they believe
يُؤْمِنُونَ
वो ईमान लाते हैं
Waqaloo quloobuna ghulfun bal la'anahumu Allahu bikufrihim faqaleelan ma yuminoona (al-Baq̈arah 2:88)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे कहते हैं, 'हमारे दिलों पर तो प्राकृतिक आवरण चढ़े है' नहीं, बल्कि उनके इनकार के कारण अल्लाह ने उनपर लानत की है; अतः वे ईमान थोड़े ही लाएँगे
English Sahih:
And they said, "Our hearts are wrapped." But, [in fact], Allah has cursed them for their disbelief, so little is it that they believe. ([2] Al-Baqarah : 88)