وَاِذْ اَخَذْنَا مِيْثَاقَكُمْ لَا تَسْفِكُوْنَ دِمَاۤءَكُمْ وَلَا تُخْرِجُوْنَ اَنْفُسَكُمْ مِّنْ دِيَارِكُمْ ۖ ثُمَّ اَقْرَرْتُمْ وَاَنْتُمْ تَشْهَدُوْنَ ( البقرة: ٨٤ )
And when
وَإِذْ
और जब
We took
أَخَذْنَا
लिया हमने
your covenant
مِيثَٰقَكُمْ
पुख़्ता अहद तुम से
"Not
لَا
ना तुम बहाओगे
will you shed
تَسْفِكُونَ
ना तुम बहाओगे
your blood
دِمَآءَكُمْ
ख़ून अपने
and not
وَلَا
और ना
(will) evict
تُخْرِجُونَ
तुम निकालोगे
yourselves
أَنفُسَكُم
अपने नफ़्सों को
from
مِّن
अपने घरों से
your homes"
دِيَٰرِكُمْ
अपने घरों से
then
ثُمَّ
फिर
you ratified
أَقْرَرْتُمْ
इक़रार किया तुमने
while you
وَأَنتُمْ
और तुम
(were) witnessing
تَشْهَدُونَ
तुम गवाही देते हो
Waith akhathna meethaqakum la tasfikoona dimaakum wala tukhrijoona anfusakum min diyarikum thumma aqrartum waantum tashhadoona (al-Baq̈arah 2:84)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और याद करो जब तुमसे वचन लिया, 'अपने ख़ून न बहाओगे और न अपने लोगों को अपनी बस्तियों से निकालोगे।' फिर तुमने इक़रार किया और तुम स्वयं इसके गवाह हो
English Sahih:
And [recall] when We took your covenant, [saying], "Do not shed your [i.e., each other's] blood or evict one another from your homes." Then you acknowledged [this] while you were witnessing. ([2] Al-Baqarah : 84)