وَمِنْهُمْ اُمِّيُّوْنَ لَا يَعْلَمُوْنَ الْكِتٰبَ اِلَّآ اَمَانِيَّ وَاِنْ هُمْ اِلَّا يَظُنُّوْنَ ( البقرة: ٧٨ )
And among them
وَمِنْهُمْ
और उनमें से कुछ
(are) unlettered ones
أُمِّيُّونَ
अनपढ़ हैं
(who) do not
لَا
नहीं वो इल्म रखते
know
يَعْلَمُونَ
नहीं वो इल्म रखते
the book
ٱلْكِتَٰبَ
किताब का
except
إِلَّآ
सिवाय
wishful thinking
أَمَانِىَّ
तमन्नाओं के
and not
وَإِنْ
और नहीं
they
هُمْ
वो
(do anything) except
إِلَّا
मगर
guess
يَظُنُّونَ
वो गुमान करते
Waminhum ommiyyoona la ya'lamoona alkitaba illa amaniyya wain hum illa yathunnoona (al-Baq̈arah 2:78)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और उनमें सामान्य बेपढ़े भी हैं जिन्हें किताब का ज्ञान नहीं है, बस कुछ कामनाओं एवं आशाओं को धर्म जानते हैं, और वे तो बस अटकल से काम लेते हैं
English Sahih:
And among them are unlettered ones who do not know the Scripture except [indulgement in] wishful thinking, but they are only assuming. ([2] Al-Baqarah : 78)