وَاِذْ قَتَلْتُمْ نَفْسًا فَادّٰرَءْتُمْ فِيْهَا ۗ وَاللّٰهُ مُخْرِجٌ مَّا كُنْتُمْ تَكْتُمُوْنَ ۚ ( البقرة: ٧٢ )
And when
وَإِذْ
और जब
you killed
قَتَلْتُمْ
क़त्ल किया तुमने
a man
نَفْسًا
एक नफ़्स को
then you disputed
فَٱدَّٰرَْٰٔتُمْ
फिर एक दूसरे पर डालने लगे तुम
concerning it
فِيهَاۖ
उस (के बारे) में
but Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) the One Who brought forth
مُخْرِجٌ
निकालने वाला था
what
مَّا
जो
you were
كُنتُمْ
थे तुम
concealing
تَكْتُمُونَ
तुम छुपाते
Waith qataltum nafsan faiddaratum feeha waAllahu mukhrijun ma kuntum taktumoona (al-Baq̈arah 2:72)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और याद करो जब तुमने एक व्यक्ति की हत्या कर दी, फिर उस सिलसिले में तुमने टाल-मटोल से काम लिया - जबकि जिसको तुम छिपा रहे थे, अल्लाह उसे खोल देनेवाला था
English Sahih:
And [recall] when you slew a man and disputed over it, but Allah was to bring out that which you were concealing. ([2] Al-Baqarah : 72)