ثُمَّ تَوَلَّيْتُمْ مِّنْۢ بَعْدِ ذٰلِكَ فَلَوْلَا فَضْلُ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ وَرَحْمَتُهٗ لَكُنْتُمْ مِّنَ الْخٰسِرِيْنَ ( البقرة: ٦٤ )
Then
ثُمَّ
फिर
you turned away
تَوَلَّيْتُم
फिर गए तुम
from
مِّنۢ
बाद
after
بَعْدِ
बाद
that
ذَٰلِكَۖ
उसके
So if not
فَلَوْلَا
पस अगर ना होता
(for the) Grace
فَضْلُ
फ़ज़ल
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
upon you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
and His Mercy
وَرَحْمَتُهُۥ
और रहमत उसकी
surely you would have been
لَكُنتُم
अलबत्ता होते तुम
of
مِّنَ
ख़सारा पाने वालों में से
the losers
ٱلْخَٰسِرِينَ
ख़सारा पाने वालों में से
Thumma tawallaytum min ba'di thalika falawla fadlu Allahi 'alaykum warahmatuhu lakuntum mina alkhasireena (al-Baq̈arah 2:64)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर इसके पश्चात भी तुम फिर गए, तो यदि अल्लाह की कृपा और उसकी दयालुता तुम पर न होती, तो तुम घाटे में पड़ गए होते
English Sahih:
Then you turned away after that. And if not for the favor of Allah upon you and His mercy, you would have been among the losers. ([2] Al-Baqarah : 64)