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اِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا سَوَاۤءٌ عَلَيْهِمْ ءَاَنْذَرْتَهُمْ اَمْ لَمْ تُنْذِرْهُمْ لَا يُؤْمِنُوْنَ  ( البقرة: ٦ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieve[d]
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
(it) is same
سَوَآءٌ
यकसाँ/बराबर है
to them
عَلَيْهِمْ
उन पर
whether you warn them
ءَأَنذَرْتَهُمْ
ख़्वाह डराऐं आप उन्हें
or
أَمْ
या
not
لَمْ
ना
you warn them
تُنذِرْهُمْ
आप डराऐं उन्हें
not
لَا
नहीं वो ईमान लाऐंगे
they believe
يُؤْمِنُونَ
नहीं वो ईमान लाऐंगे

Inna allatheena kafaroo sawaon 'alayhim aanthartahum am lam tunthirhum la yuminoona (al-Baq̈arah 2:6)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जिन लोगों ने कुफ़्र (इनकार) किया उनके लिए बराबर हैं, चाहे तुमने उन्हें सचेत किया हो या सचेत न किया हो, वे ईमान नहीं लाएँगे

English Sahih:

Indeed, those who disbelieve – it is all the same for them whether you warn them or do not warn them – they will not believe. ([2] Al-Baqarah : 6)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक जिन लोगों ने कुफ़्र इख़तेयार किया उनके लिए बराबर है (ऐ रसूल) ख्वाह (चाहे) तुम उन्हें डराओ या न डराओ वह ईमान न लाएँगे