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وَاٰمِنُوْا بِمَآ اَنْزَلْتُ مُصَدِّقًا لِّمَا مَعَكُمْ وَلَا تَكُوْنُوْٓا اَوَّلَ كَافِرٍۢ بِهٖ ۖ وَلَا تَشْتَرُوْا بِاٰيٰتِيْ ثَمَنًا قَلِيْلًا ۖوَّاِيَّايَ فَاتَّقُوْنِ   ( البقرة: ٤١ )

And believe
وَءَامِنُوا۟
और ईमान लाओ
in what
بِمَآ
उस पर जो
I have sent down
أَنزَلْتُ
नाज़िल किया मैंने
confirming
مُصَدِّقًا
तसदीक़ करने वाला
that which
لِّمَا
उसके लिए जो
(is) with you
مَعَكُمْ
तुम्हारे पास है
and (do) not
وَلَا
और ना
be
تَكُونُوٓا۟
तुम हो जाओ
(the) first
أَوَّلَ
सबसे पहला (गिरोह)
disbeliever
كَافِرٍۭ
इन्कार करने वाला
of it
بِهِۦۖ
उसका
And (do) not
وَلَا
और ना
exchange
تَشْتَرُوا۟
तुम लो
My Signs (for)
بِـَٔايَٰتِى
मेरी आयात के बदले
a price
ثَمَنًا
क़ीमत
small
قَلِيلًا
थोड़ी
and Me Alone
وَإِيَّٰىَ
और सिर्फ़ मुझ ही से
fear [Me]
فَٱتَّقُونِ
पस डरो मुझ से

Waaminoo bima anzaltu musaddiqan lima ma'akum wala takoonoo awwala kafirin bihi wala tashtaroo biayatee thamanan qaleelan waiyyaya faittaqooni (al-Baq̈arah 2:41)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और ईमान लाओ उस चीज़ पर जो मैंने उतारी है, जो उसकी पुष्टि में है, जो तुम्हारे पास है, और सबसे पहले तुम ही उसके इनकार करनेवाले न बनो। और मेरी आयतों को थोड़ा मूल्य प्राप्त करने का साधन न बनाओ, मुझसे ही तुम डरो

English Sahih:

And believe in what I have sent down confirming that which is [already] with you, and be not the first to disbelieve in it. And do not exchange My signs for a small price, and fear [only] Me. ([2] Al-Baqarah : 41)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो (कुरान) मैंने नाज़िल किया वह उस किताब (तौरेत) की (भी) तसदीक़ करता हूँ जो तुम्हारे पास है और तुम सबसे चले उसके इन्कार पर मौजूद न हो जाओ और मेरी आयतों के बदले थोड़ी क़ीमत (दुनयावी फायदा) न लो और मुझ ही से डरते रहो