يٰبَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ اذْكُرُوْا نِعْمَتِيَ الَّتِيْٓ اَنْعَمْتُ عَلَيْكُمْ وَاَوْفُوْا بِعَهْدِيْٓ اُوْفِ بِعَهْدِكُمْۚ وَاِيَّايَ فَارْهَبُوْنِ ( البقرة: ٤٠ )
O Children
يَٰبَنِىٓ
ऐ बनी इस्राईल
(of) Israel!
إِسْرَٰٓءِيلَ
ऐ बनी इस्राईल
Remember
ٱذْكُرُوا۟
याद करो
My Favor
نِعْمَتِىَ
मेरी नेअमत को
which
ٱلَّتِىٓ
वो जो
I bestowed
أَنْعَمْتُ
इनाम की मैंने
upon you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
and fulfill
وَأَوْفُوا۟
और पूरा करो
My Covenant
بِعَهْدِىٓ
मेरे अहद को
I will fulfill
أُوفِ
मैं पूरा करुँगा
your covenant
بِعَهْدِكُمْ
तुम्हारे अहद को
and Me Alone
وَإِيَّٰىَ
और सिर्फ़ मुझ ही से
fear [Me]
فَٱرْهَبُونِ
पस डरो मुझ से
Ya banee israeela othkuroo ni'matiya allatee an'amtu 'alaykum waawfoo bi'ahdee oofi bi'ahdikum waiyyaya fairhabooni (al-Baq̈arah 2:40)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ इसराईल का सन्तान! याद करो मेरे उस अनुग्रह को जो मैंने तुमपर किया था। और मेरी प्रतिज्ञा को पूरा करो, मैं तुमसे की हुई प्रतिज्ञा को पूरा करूँगा और हाँ मुझी से डरो
English Sahih:
O Children of Israel, remember My favor which I have bestowed upon you and fulfill My covenant [upon you] that I will fulfill your covenant [from Me], and be afraid of [only] Me. ([2] Al-Baqarah : 40)