فَتَلَقّٰٓى اٰدَمُ مِنْ رَّبِّهٖ كَلِمٰتٍ فَتَابَ عَلَيْهِ ۗ اِنَّهٗ هُوَ التَّوَّابُ الرَّحِيْمُ ( البقرة: ٣٧ )
Then received
فَتَلَقَّىٰٓ
पस सीख लिए
Adam
ءَادَمُ
आदम ने
from
مِن
अपने रब से
his Lord
رَّبِّهِۦ
अपने रब से
words
كَلِمَٰتٍ
चंद कलिमात
So (his Lord) turned
فَتَابَ
फिर वो मेहरबान हुआ
towards him
عَلَيْهِۚ
उस पर
Indeed He!
إِنَّهُۥ
बेशक वो
He
هُوَ
वो ही है
(is) the Oft-returning (to mercy)
ٱلتَّوَّابُ
बहुत तौबा क़ुबूल करने वाला
the Most Merciful
ٱلرَّحِيمُ
निहायत रहम करने वाला
Fatalaqqa adamu min rabbihi kalimatin fataba 'alayhi innahu huwa alttawwabu alrraheemu (al-Baq̈arah 2:37)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर आदम ने अपने रब से कुछ शब्द पा लिए, तो अल्लाह ने उसकी तौबा क़बूल कर ली; निस्संदेह वही तौबा क़बूल करने वाला, अत्यन्त दयावान है
English Sahih:
Then Adam received from his Lord [some] words, and He accepted his repentance. Indeed, it is He who is the Accepting of Repentance, the Merciful. ([2] Al-Baqarah : 37)