فَاَزَلَّهُمَا الشَّيْطٰنُ عَنْهَا فَاَخْرَجَهُمَا مِمَّا كَانَا فِيْهِ ۖ وَقُلْنَا اهْبِطُوْا بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ ۚ وَلَكُمْ فِى الْاَرْضِ مُسْتَقَرٌّ وَّمَتَاعٌ اِلٰى حِيْنٍ ( البقرة: ٣٦ )
Faazallahuma alshshaytanu 'anha faakhrajahuma mimma kana feehi waqulna ihbitoo ba'dukum liba'din 'aduwwun walakum fee alardi mustaqarrun wamata'un ila heenin (al-Baq̈arah 2:36)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अन्ततः शैतान ने उन्हें वहाँ से फिसला दिया, फिर उन दोनों को वहाँ से निकलवाकर छोड़ा, जहाँ वे थे। हमने कहा कि 'उतरो, तुम एक-दूसरे के शत्रु होगे और तुम्हें एक समय तक धरती में ठहरना और बिसलना है।'
English Sahih:
But Satan caused them to slip out of it and removed them from that [condition] in which they had been. And We said, "Go down, [all of you], as enemies to one another, and you will have upon the earth a place of settlement and provision for a time." ([2] Al-Baqarah : 36)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तब शैतान ने आदम व हौव्वा को (धोखा देकर) वहाँ से डगमगाया और आख़िर कार उनको जिस (ऐश व राहत) में थे उनसे निकाल फेंका और हमने कहा (ऐ आदम व हौव्वा) तुम (ज़मीन पर) उतर पड़ो तुममें से एक का एक दुशमन होगा और ज़मीन में तुम्हारे लिए एक ख़ास वक्त (क़यामत) तक ठहराव और ठिकाना है