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وَقُلْنَا يٰٓاٰدَمُ اسْكُنْ اَنْتَ وَزَوْجُكَ الْجَنَّةَ وَكُلَا مِنْهَا رَغَدًا حَيْثُ شِئْتُمَاۖ وَلَا تَقْرَبَا هٰذِهِ الشَّجَرَةَ فَتَكُوْنَا مِنَ الظّٰلِمِيْنَ   ( البقرة: ٣٥ )

And We said
وَقُلْنَا
और कहा हमने
"O Adam!
يَٰٓـَٔادَمُ
ऐ आदम
Dwell
ٱسْكُنْ
रहो
you
أَنتَ
तुम
and your spouse
وَزَوْجُكَ
और बीवी तुम्हारी
(in) Paradise
ٱلْجَنَّةَ
जन्नत में
and [you both] eat
وَكُلَا
और तुम दोनों खाओ
from it
مِنْهَا
इससे
freely
رَغَدًا
फ़राग़त से
(from) wherever
حَيْثُ
जहाँ से
you [both] wish
شِئْتُمَا
तुम दोनों चाहो
But do not
وَلَا
और ना
[you two] approach
تَقْرَبَا
तुम दोनों क़रीब जाना
this
هَٰذِهِ
उस
[the] tree
ٱلشَّجَرَةَ
दरख़्त के
lest you [both] be
فَتَكُونَا
वरना तुम दोनों हो जाओगे
of
مِنَ
ज़ालिमों में से
the wrongdoers"
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़ालिमों में से

Waqulna ya adamu oskun anta wazawjuka aljannata wakula minha raghadan haythu shituma wala taqraba hathihi alshshajarata fatakoona mina alththalimeena (al-Baq̈arah 2:35)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और हमने कहा, 'ऐ आदम! तुम और तुम्हारी पत्नी जन्नत में रहो और वहाँ जी भर बेरोक-टोक जहाँ से तुम दोनों का जी चाहे खाओ, लेकिन इस वृक्ष के पास न जाना, अन्यथा तुम ज़ालिम ठहरोगे।'

English Sahih:

And We said, "O Adam, dwell, you and your wife, in Paradise and eat therefrom in [ease and] abundance from wherever you will. But do not approach this tree, lest you be among the wrongdoers." ([2] Al-Baqarah : 35)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने आदम से कहा ऐ आदम तुम अपनी बीवी समैत बेहिश्त में रहा सहा करो और जहाँ से तुम्हारा जी चाहे उसमें से ब फराग़त खाओ (पियो) मगर उस दरख्त के पास भी न जाना (वरना) फिर तुम अपना आप नुक़सान करोगे