يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوا اللّٰهَ وَذَرُوْا مَا بَقِيَ مِنَ الرِّبٰوٓا اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِيْنَ ( البقرة: ٢٧٨ )
O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe[d]!
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
Fear
ٱتَّقُوا۟
डरो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह से
and give up
وَذَرُوا۟
और छोड़ दो
what
مَا
जो
remained
بَقِىَ
बाक़ी रह गया हो
of
مِنَ
सूद में से
[the] usury
ٱلرِّبَوٰٓا۟
सूद में से
if
إِن
अगर
you are
كُنتُم
हो तुम
believers
مُّؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले
Ya ayyuha allatheena amanoo ittaqoo Allaha watharoo ma baqiya mina alrriba in kuntum mumineena (al-Baq̈arah 2:278)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह का डर रखो और जो कुछ ब्याज बाक़ी रह गया है उसे छोड़ दो, यदि तुम ईमानवाले हो
English Sahih:
O you who have believed, fear Allah and give up what remains [due to you] of interest, if you should be believers. ([2] Al-Baqarah : 278)