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لِلْفُقَرَاۤءِ الَّذِيْنَ اُحْصِرُوْا فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ لَا يَسْتَطِيْعُوْنَ ضَرْبًا فِى الْاَرْضِۖ يَحْسَبُهُمُ الْجَاهِلُ اَغْنِيَاۤءَ مِنَ التَّعَفُّفِۚ تَعْرِفُهُمْ بِسِيْمٰهُمْۚ لَا يَسْـَٔلُوْنَ النَّاسَ اِلْحَافًا ۗوَمَا تُنْفِقُوْا مِنْ خَيْرٍ فَاِنَّ اللّٰهَ بِهٖ عَلِيْمٌ ࣖ  ( البقرة: ٢٧٣ )

For the poor
لِلْفُقَرَآءِ
फ़ुक़रा के लिए हैं (सदक़ात)
those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
are wrapped up
أُحْصِرُوا۟
घेर लिए गए
in
فِى
अल्लाह के रास्ते में
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते में
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते में
not
لَا
नहीं वो इस्तिताअत रखते
they are able
يَسْتَطِيعُونَ
नहीं वो इस्तिताअत रखते
(to) move about
ضَرْبًا
चलने फिरने की
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
Think (about) them
يَحْسَبُهُمُ
समझता है उन्हें
the ignorant one
ٱلْجَاهِلُ
जाहिल/ना समझ
(that they are) self-sufficient
أَغْنِيَآءَ
मालदार
(because) of
مِنَ
बचने की वजह से (सवाल से)
(their) restraint
ٱلتَّعَفُّفِ
बचने की वजह से (सवाल से)
you recognize them
تَعْرِفُهُم
तुम पहचान लोगे उन्हें
by their mark
بِسِيمَٰهُمْ
उनके चेहरे की अलामत से
Not
لَا
नहीं वो माँगते
(do) they ask
يَسْـَٔلُونَ
नहीं वो माँगते
the people
ٱلنَّاسَ
लोगों से
with importunity
إِلْحَافًاۗ
लिपट कर
And whatever
وَمَا
और जो
you spend
تُنفِقُوا۟
तुम ख़र्च करोगे
of
مِنْ
माल में से
good
خَيْرٍ
माल में से
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
of it
بِهِۦ
उसे
(is) All-Knower
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है

Lilfuqarai allatheena ohsiroo fee sabeeli Allahi la yastatee'oona darban fee alardi yahsabuhumu aljahilu aghniyaa mina altta'affufi ta'rifuhum biseemahum la yasaloona alnnasa ilhafan wama tunfiqoo min khayrin fainna Allaha bihi 'aleemun (al-Baq̈arah 2:273)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यह उन मुहताजों के लिए है जो अल्लाह के मार्ग में घिर गए कि धरती में (जीविकोपार्जन के लिए) कोई दौड़-धूप नहीं कर सकते। उनके स्वाभिमान के कारण अपरिचित व्यक्ति उन्हें धनवान समझता है। तुम उन्हें उनके लक्षणो से पहचान सकते हो। वे लिपटकर लोगों से नहीं माँगते। जो माल भी तुम ख़र्च करोगे, वह अल्लाह को ज्ञात होगा

English Sahih:

[Charity is] for the poor who have been restricted for the cause of Allah, unable to move about in the land. An ignorant [person] would think them self-sufficient because of their restraint, but you will know them by their [characteristic] sign. They do not ask people persistently [or at all]. And whatever you spend of good – indeed, Allah is Knowing of it. ([2] Al-Baqarah : 273)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(यह खैरात) ख़ास उन हाजतमन्दों के लिए है जो ख़ुदा की राह में घिर गये हो (और) रूए ज़मीन पर (जाना चाहें तो) चल नहीं सकते नावाक़िफ़ उनको सवाल न करने की वजह से अमीर समझते हैं (लेकिन) तू (ऐ मुख़ातिब अगर उनको देखे) तो उनकी सूरत से ताड़ जाये (कि ये मोहताज हैं अगरचे) लोगों से चिमट के सवाल नहीं करते और जो कुछ भी तुम नेक काम में ख़र्च करते हो ख़ुदा उसको ज़रूर जानता है