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اَلَّذِيْنَ يُنْفِقُوْنَ اَمْوَالَهُمْ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ ثُمَّ لَا يُتْبِعُوْنَ مَآ اَنْفَقُوْا مَنًّا وَّلَآ اَذًىۙ لَّهُمْ اَجْرُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْۚ وَلَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُوْنَ  ( البقرة: ٢٦٢ )

Those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
spend
يُنفِقُونَ
ख़र्च करते हैं
their wealth
أَمْوَٰلَهُمْ
अपने मालों को
in
فِى
अल्लाह के रास्ते में
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते में
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते में
then
ثُمَّ
फिर
not
لَا
नहीं वो पीछे लाते
they follow
يُتْبِعُونَ
नहीं वो पीछे लाते
what
مَآ
उसके जो
they spend
أَنفَقُوا۟
उन्होंने ख़र्च किया
(with) reminders of generosity
مَنًّا
एहसान को
and not
وَلَآ
और ना
hurt -
أَذًىۙ
अज़ियत को
for them
لَّهُمْ
उनके लिए है
their reward
أَجْرُهُمْ
अजर उनका
(is) with
عِندَ
पास
their Lord
رَبِّهِمْ
उनके रब के
and (there will be) no
وَلَا
और ना
fear
خَوْفٌ
कोई ख़ौफ़ होगा
on them
عَلَيْهِمْ
उन पर
and not
وَلَا
और ना
they
هُمْ
वो
will grieve
يَحْزَنُونَ
वो ग़मगीन होंगे

Allatheena yunfiqoona amwalahum fee sabeeli Allahi thumma la yutbi'oona ma anfaqoo mannan wala athan lahum ajruhum 'inda rabbihim wala khawfun 'alayhim wala hum yahzanoona (al-Baq̈arah 2:262)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो लोग अपने माल अल्लाह के मार्ग में ख़र्च करते है, फिर ख़र्च करके उसका न एहसान जताते है और न दिल दुखाते है, उनका बदला उनके अपने रब के पास है। और न तो उनके लिए कोई भय होगा और न वे दुखी होंगे

English Sahih:

Those who spend their wealth in the way of Allah and then do not follow up what they have spent with reminders [of it] or [other] injury will have their reward with their Lord, and there will be no fear concerning them, nor will they grieve. ([2] Al-Baqarah : 262)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जो लोग अपने माल ख़ुदा की राह में ख़र्च करते हैं और फिर ख़र्च करने के बाद किसी तरह का एहसान नहीं जताते हैं और न जिनपर एहसान किया है उनको सताते हैं उनका अज्र (व सवाब) उनके परवरदिगार के पास है और न आख़ेरत में उनपर कोई ख़ौफ़ होगा और न वह ग़मगीन होंगे