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اَللّٰهُ وَلِيُّ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا يُخْرِجُهُمْ مِّنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِۗ وَالَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اَوْلِيَاۤؤُهُمُ الطَّاغُوْتُ يُخْرِجُوْنَهُمْ مِّنَ النُّوْرِ اِلَى الظُّلُمٰتِۗ اُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِۚ هُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ ࣖ  ( البقرة: ٢٥٧ )

Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
(is the) Protecting Guardian
وَلِىُّ
दोस्त है
(of) those who
ٱلَّذِينَ
उनका जो
believe[d]
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
He brings them out
يُخْرِجُهُم
वो निकालता है उन्हें
from
مِّنَ
अँधेरों से
[the] darkness
ٱلظُّلُمَٰتِ
अँधेरों से
towards
إِلَى
तरफ़ नूर के
[the] light
ٱلنُّورِۖ
तरफ़ नूर के
And those who
وَٱلَّذِينَ
और जिन्होंने
disbelieve(d)
كَفَرُوٓا۟
कुफ़्र किया
their guardians
أَوْلِيَآؤُهُمُ
दोस्त उनके
(are) the evil ones
ٱلطَّٰغُوتُ
ताग़ूत हैं
they bring them out
يُخْرِجُونَهُم
वो निकालते है उन्हें
from
مِّنَ
नूर से
the light
ٱلنُّورِ
नूर से
towards
إِلَى
तरफ़ अँधेरों के
the darkness
ٱلظُّلُمَٰتِۗ
तरफ़ अँधेरों के
Those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
(are the) companions
أَصْحَٰبُ
साथी
(of) the Fire
ٱلنَّارِۖ
आग के
they
هُمْ
वो
in it
فِيهَا
उसमें
will abide forever
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं

Allahu waliyyu allatheena amanoo yukhrijuhum mina alththulumati ila alnnoori waallatheena kafaroo awliyaohumu alttaghootu yukhrijoonahum mina alnnoori ila alththulumati olaika ashabu alnnari hum feeha khalidoona (al-Baq̈arah 2:257)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो लोग ईमान लाते है, अल्लाह उनका रक्षक और सहायक है। वह उन्हें अँधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाता है। रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया तो उनके संरक्षक बढ़े हुए सरकश है। वे उन्हें प्रकाश से निकालकर अँधेरों की ओर ले जाते है। वही आग (जहन्नम) में पड़नेवाले है। वे उसी में सदैव रहेंगे

English Sahih:

Allah is the Ally of those who believe. He brings them out from darknesses into the light. And those who disbelieve – their allies are Taghut. They take them out of the light into darknesses. Those are the companions of the Fire; they will abide eternally therein. ([2] Al-Baqarah : 257)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ख़ुदा उन लोगों का सरपरस्त है जो ईमान ला चुके कि उन्हें (गुमराही की) तारीक़ियों से निकाल कर (हिदायत की) रौशनी में लाता है और जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तेयार किया उनके सरपरस्त शैतान हैं कि उनको (ईमान की) रौशनी से निकाल कर (कुफ़्र की) तारीकियों में डाल देते हैं यही लोग तो जहन्नुमी हैं (और) यही उसमें हमेशा रहेंगे