وَبَشِّرِ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ اَنَّ لَهُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ۗ كُلَّمَا رُزِقُوْا مِنْهَا مِنْ ثَمَرَةٍ رِّزْقًا ۙ قَالُوْا هٰذَا الَّذِيْ رُزِقْنَا مِنْ قَبْلُ وَاُتُوْا بِهٖ مُتَشَابِهًا ۗوَلَهُمْ فِيْهَآ اَزْوَاجٌ مُّطَهَّرَةٌ وَّهُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ ( البقرة: ٢٥ )
Wabashshiri allatheena amanoo wa'amiloo alssalihati anna lahum jannatin tajree min tahtiha alanharu kullama ruziqoo minha min thamaratin rizqan qaloo hatha allathee ruziqna min qablu waotoo bihi mutashabihan walahum feeha azwajun mutahharatun wahum feeha khalidoona (al-Baq̈arah 2:25)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उन्हें शुभ सूचना दे दो कि उनके लिए ऐसे बाग़ है जिनके नीचे नहरें बह रहीं होगी; जब भी उनमें से कोई फल उन्हें रोजी के रूप में मिलेगा, तो कहेंगे, 'यह तो वही हैं जो पहले हमें मिला था,' और उन्हें मिलता-जुलता ही (फल) मिलेगा; उनके लिए वहाँ पाक-साफ़ पत्नि याँ होगी, और वे वहाँ सदैव रहेंगे
English Sahih:
And give good tidings to those who believe and do righteous deeds that they will have gardens [in Paradise] beneath which rivers flow. Whenever they are provided with a provision of fruit therefrom, they will say, "This is what we were provided with before." And it is given to them in likeness. And they will have therein purified spouses, and they will abide therein eternally. ([2] Al-Baqarah : 25)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जो लोग ईमान लाए और उन्होंने नेक काम किए उनको (ऐ पैग़म्बर) खुशख़बरी दे दो कि उनके लिए (बेहिश्त के) वह बाग़ात हैं जिनके नीचे नहरे जारी हैं जब उन्हें इन बाग़ात का कोई मेवा खाने को मिलेगा तो कहेंगे ये तो वही (मेवा है जो पहले भी हमें खाने को मिल चुका है) (क्योंकि) उन्हें मिलती जुलती सूरत व रंग के (मेवे) मिला करेंगे और बेहिश्त में उनके लिए साफ सुथरी बीवियाँ होगी और ये लोग उस बाग़ में हमेशा रहेंगे