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زُيِّنَ لِلَّذِيْنَ كَفَرُوا الْحَيٰوةُ الدُّنْيَا وَيَسْخَرُوْنَ مِنَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا ۘ وَالَّذِيْنَ اتَّقَوْا فَوْقَهُمْ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ ۗ وَاللّٰهُ يَرْزُقُ مَنْ يَّشَاۤءُ بِغَيْرِ حِسَابٍ  ( البقرة: ٢١٢ )

Beautified
زُيِّنَ
मुज़य्यन कर दी गई
for those who
لِلَّذِينَ
उनके लिए जिन्होंने
disbelieve[d]
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
(is) the life
ٱلْحَيَوٰةُ
ज़िन्दगी
(of) the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया की
and they ridicule
وَيَسْخَرُونَ
और वो मज़ाक़ करते हैं
[of]
مِنَ
उनसे जो
those who
ٱلَّذِينَ
उनसे जो
believe[d]
ءَامَنُواۘ
ईमान लाए
And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
fear (Allah)
ٱتَّقَوْا۟
तक़वा किया
(they will be) above them
فَوْقَهُمْ
ऊपर होंगे उनके
(on the) Day
يَوْمَ
दिन
(of) Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِۗ
क़यामत के
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
provides
يَرْزُقُ
रिज़्क़ देता है
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
without
بِغَيْرِ
बग़ैर
measure
حِسَابٍ
हिसाब के

Zuyyina lillatheena kafaroo alhayatu alddunya wayaskharoona mina allatheena amanoo waallatheena ittaqaw fawqahum yawma alqiyamati waAllahu yarzuqu man yashao bighayri hisabin (al-Baq̈arah 2:212)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

इनकार करनेवाले सांसारिक जीवन पर रीझे हुए है और ईमानवालों का उपहास करते है, जबकि जो लोग अल्लाह का डर रखते है, वे क़ियामत के दिन उनसे ऊपर होंगे। अल्लाह जिस चाहता है बेहिसाब देता है

English Sahih:

Beautified for those who disbelieve is the life of this world, and they ridicule those who believe. But those who fear Allah are above them on the Day of Resurrection. And Allah gives provision to whom He wills without account. ([2] Al-Baqarah : 212)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जिन लोगों ने कुफ्र इख्तेयार किया उन के लिये दुनिया की ज़रा सी ज़िन्दगी ख़ूब अच्छी दिखायी गयी है और ईमानदारों से मसखरापन करते हैं हालॉकि क़यामत के दिन परहेज़गारों का दरजा उनसे (कहीं) बढ़ चढ़ के होगा और ख़ुदा जिस को चाहता है बे हिसाब रोज़ी अता फरमाता है