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سَلْ بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ كَمْ اٰتَيْنٰهُمْ مِّنْ اٰيَةٍ ۢ بَيِّنَةٍ ۗ وَمَنْ يُّبَدِّلْ نِعْمَةَ اللّٰهِ مِنْۢ بَعْدِ مَا جَاۤءَتْهُ فَاِنَّ اللّٰهَ شَدِيْدُ الْعِقَابِ   ( البقرة: ٢١١ )

Ask
سَلْ
पूछ लीजिए
(the) Children
بَنِىٓ
बनी इस्राईल से
(of) Israel
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल से
how many
كَمْ
कितनी
We gave them
ءَاتَيْنَٰهُم
दीं हमने उन्हें
of
مِّنْ
निशानियाँ
(the) Sign(s)
ءَايَةٍۭ
निशानियाँ
clear
بَيِّنَةٍۗ
वाज़ेह
And whoever
وَمَن
और जो कोई
changes
يُبَدِّلْ
बदल देगा
Favor
نِعْمَةَ
नेअमत को
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
from
مِنۢ
बाद इसके
after
بَعْدِ
बाद इसके
[what]
مَا
जो
it (has) come to him
جَآءَتْهُ
आ गई उसके पास
then indeed
فَإِنَّ
तो बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) severe
شَدِيدُ
सख़्त
in [the] chastising
ٱلْعِقَابِ
सज़ा वाला है

Sal banee israeela kam ataynahum min ayatin bayyinatin waman yubaddil ni'mata Allahi min ba'di ma jaathu fainna Allaha shadeedu al'iqabi (al-Baq̈arah 2:211)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

इसराईल की सन्तान से पूछो, हमने उन्हें कितनी खुली-खुली निशानियाँ प्रदान की। और जो अल्लाह की नेमत को इसके बाद कि वह उसे पहुँच चुकी हो बदल डाले, तो निस्संदेह अल्लाह भी कठोर दंड देनेवाला है

English Sahih:

Ask the Children of Israel how many a sign of evidence We have given them. And whoever exchanges the favor of Allah [for disbelief] after it has come to him – then indeed, Allah is severe in penalty. ([2] Al-Baqarah : 211)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) बनी इसराइल से पूछो कि हम ने उन को कैसी कैसी रौशन निशानियाँ दी और जब किसी शख्स के पास ख़ुदा की नेअमत (किताब) आ चुकी उस के बाद भी उस को बदल डाले तो बेशक़ ख़ुदा सख्त अज़ाब वाला है