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صُمٌّ ۢ بُكْمٌ عُمْيٌ فَهُمْ لَا يَرْجِعُوْنَۙ  ( البقرة: ١٨ )

Deaf
صُمٌّۢ
बहरे हैं
dumb
بُكْمٌ
गूँगे हैं
blind
عُمْىٌ
अँधे हैं
so they
فَهُمْ
पस वो
not
لَا
नहीं वो लौटते
[they] will not return
يَرْجِعُونَ
नहीं वो लौटते

Summun bukmun 'umyun fahum la yarji'oona (al-Baq̈arah 2:18)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे बहरे हैं, गूँगें हैं, अन्धे हैं, अब वे लौटने के नहीं

English Sahih:

Deaf, dumb and blind – so they will not return [to the right path]. ([2] Al-Baqarah : 18)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

कि अब उन्हें कुछ सुझाई नहीं देता ये लोग बहरे गूँगे अन्धे हैं कि फिर अपनी गुमराही से बाज़ नहीं आ सकते