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اُولٰۤىِٕكَ الَّذِيْنَ اشْتَرَوُا الضَّلٰلَةَ بِالْهُدٰى وَالْعَذَابَ بِالْمَغْفِرَةِ ۚ فَمَآ اَصْبَرَهُمْ عَلَى النَّارِ   ( البقرة: ١٧٥ )

Those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही वो लोग हैं
(are) they who
ٱلَّذِينَ
जिन्होंने
purchase[d]
ٱشْتَرَوُا۟
ख़रीद लिया
[the] astraying
ٱلضَّلَٰلَةَ
गुमराही को
for [the] Guidance
بِٱلْهُدَىٰ
बदले हिदायत के
and [the] punishment
وَٱلْعَذَابَ
और अज़ाब को
for [the] forgiveness
بِٱلْمَغْفِرَةِۚ
बदले मग़फ़िरत के
So what (is)
فَمَآ
तो कितना सब्र है उनका
their endurance
أَصْبَرَهُمْ
तो कितना सब्र है उनका
on
عَلَى
आग पर
the Fire!
ٱلنَّارِ
आग पर

Olaika allatheena ishtarawoo alddalalata bialhuda waal'athaba bialmaghfirati fama asbarahum 'ala alnnari (al-Baq̈arah 2:175)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यहीं लोग हैं जिन्होंने मार्गदर्शन के बदले पथभ्रष्टका मोल ली; और क्षमा के बदले यातना के ग्राहक बने। तो आग को सहन करने के लिए उनका उत्साह कितना बढ़ा हुआ है!

English Sahih:

Those are the ones who have exchanged guidance for error and forgiveness for punishment. How patient they are for [i.e., in pursuit of] the Fire! ([2] Al-Baqarah : 175)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यही लोग वह हैं जिन्होंने हिदायत के बदले गुमराही मोल ली और बख्यिय (ख़ुदा) के बदले अज़ाब पस वह लोग दोज़ख़ की आग के क्योंकर बरदाश्त करेंगे