وَقَالَ الَّذِيْنَ اتَّبَعُوْا لَوْ اَنَّ لَنَا كَرَّةً فَنَتَبَرَّاَ مِنْهُمْ ۗ كَمَا تَبَرَّءُوْا مِنَّا ۗ كَذٰلِكَ يُرِيْهِمُ اللّٰهُ اَعْمَالَهُمْ حَسَرٰتٍ عَلَيْهِمْ ۗ وَمَا هُمْ بِخَارِجِيْنَ مِنَ النَّارِ ࣖ ( البقرة: ١٦٧ )
Waqala allatheena ittaba'oo law anna lana karratan fanatabarraa minhum kama tabarraoo minna kathalika yureehimu Allahu a'malahum hasaratin 'alayhim wama hum bikharijeena mina alnnari (al-Baq̈arah 2:167)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे लोग जो उनके पीछे चले थे कहेंगे, 'काश! हमें एक बार (फिर संसार में लौटना होता तो जिस तरह आज ये हमसे विरक्त हो रहे हैं, हम भी इनसे विरक्त हो जाते।' इस प्रकार अल्लाह उनके लिए संताप बनाकर उन्हें कर्म दिखाएगा और वे आग (जहन्नम) से निकल न सकेंगे
English Sahih:
Those who followed will say, "If only we had another turn [at worldly life] so we could disassociate ourselves from them as they have disassociated themselves from us." Thus will Allah show them their deeds as regrets upon them. And they are never to emerge from the Fire. ([2] Al-Baqarah : 167)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और पैरव कहने लगेंगे कि अगर हमें कहीं फिर (दुनिया में) पलटना मिले तो हम भी उन से इसी तरह अलग हो जायेंगे जिस तरह एैन वक्त पर ये लोग हम से अलग हो गए यूँ ही ख़ुदा उन के आमाल को दिखाएगा जो उन्हें (सर तापा पास ही) पास दिखाई देंगें और फिर भला कब वह दोज़ख़ से निकल सकतें हैं