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اِذْ تَبَرَّاَ الَّذِيْنَ اتُّبِعُوْا مِنَ الَّذِيْنَ اتَّبَعُوْا وَرَاَوُا الْعَذَابَ وَتَقَطَّعَتْ بِهِمُ الْاَسْبَابُ  ( البقرة: ١٦٦ )

When
إِذْ
जब
will disown
تَبَرَّأَ
बेज़ार होंगे
those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
were followed
ٱتُّبِعُوا۟
पैरवी किए गए
[from]
مِنَ
उनसे जिन्होंने
those who
ٱلَّذِينَ
उनसे जिन्होंने
followed
ٱتَّبَعُوا۟
पैरवी की
and they will see
وَرَأَوُا۟
और वो देख लेंगे
the punishment
ٱلْعَذَابَ
अज़ाब
[and] will be cut off
وَتَقَطَّعَتْ
और कट जाऐंगे
for them
بِهِمُ
उनके
the relations
ٱلْأَسْبَابُ
तमाम असबाब

Ith tabarraa allatheena ittubi'oo mina allatheena ittaba'oo waraawoo al'athaba wataqatta'at bihimu alasbabu (al-Baq̈arah 2:166)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जब वे लोग जिनके पीछे वे चलते थे, यातना को देखकर अपने अनुयायियों से विरक्त हो जाएँगे और उनके सम्बन्ध और सम्पर्क टूट जाएँगे

English Sahih:

[And they should consider that] when those who have been followed disassociate themselves from those who followed [them], and they [all] see the punishment, and cut off from them are the ties [of relationship], ([2] Al-Baqarah : 166)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(वह क्या सख्त वक्त होगा) जब पेशवा लोग अपने पैरवो से अपना पीछा छुड़ाएगे और (ब चश्में ख़ुद) अज़ाब को देखेगें और उनके बाहमी ताल्लुक़ात टूट जाएँगे