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وَلَا تَقُوْلُوْا لِمَنْ يُّقْتَلُ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ اَمْوَاتٌ ۗ بَلْ اَحْيَاۤءٌ وَّلٰكِنْ لَّا تَشْعُرُوْنَ  ( البقرة: ١٥٤ )

And (do) not
وَلَا
और ना
say
تَقُولُوا۟
तुम कहो
for (the ones) who
لِمَن
उन्हें जो
are slain
يُقْتَلُ
क़त्ल कर दिए जाऐं
in
فِى
अल्लाह के रास्ते में
(the) way
سَبِيلِ
अल्लाह के रास्ते में
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के रास्ते में
"(They are) dead
أَمْوَٰتٌۢۚ
कि मुर्दा हैं
Nay
بَلْ
बल्कि
(they are) alive
أَحْيَآءٌ
ज़िन्दा हैं (वो)
[and] but
وَلَٰكِن
और लेकिन
you (do) not
لَّا
नहीं तुम शऊर रखते
perceive
تَشْعُرُونَ
नहीं तुम शऊर रखते

Wala taqooloo liman yuqtalu fee sabeeli Allahi amwatun bal ahyaon walakin la tash'uroona (al-Baq̈arah 2:154)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो लोग अल्लाह के मार्ग में मारे जाएँ उन्हें मुर्दा न कहो, बल्कि वे जीवित है, परन्तु तुम्हें एहसास नहीं होता

English Sahih:

And do not say about those who are killed in the way of Allah, "They are dead." Rather, they are alive, but you perceive [it] not. ([2] Al-Baqarah : 154)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो लोग ख़ुदा की राह में मारे गए उन्हें कभी मुर्दा न कहना बल्कि वह लोग ज़िन्दा हैं मगर तुम उनकी ज़िन्दगी की हक़ीकत का कुछ भी शऊर नहीं रखते