۞ سَيَقُوْلُ السُّفَهَاۤءُ مِنَ النَّاسِ مَا وَلّٰىهُمْ عَنْ قِبْلَتِهِمُ الَّتِيْ كَانُوْا عَلَيْهَا ۗ قُلْ لِّلّٰهِ الْمَشْرِقُ وَالْمَغْرِبُۗ يَهْدِيْ مَنْ يَّشَاۤءُ اِلٰى صِرَاطٍ مُّسْتَقِيْمٍ ( البقرة: ١٤٢ )
Sayaqoolu alssufahao mina alnnasi ma wallahum 'an qiblatihimu allatee kanoo 'alayha qul lillahi almashriqu waalmaghribu yahdee man yashao ila siratin mustaqeemin (al-Baq̈arah 2:142)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
मूर्ख लोग अब कहेंगे, 'उन्हें उनके उस क़िबले (उपासना-दिशा) से, जिस पर वे थे किस ची़ज़ ने फेर दिया?' कहो, 'पूरब और पश्चिम अल्लाह ही के है, वह जिसे चाहता है सीधा मार्ग दिखाता है।'
English Sahih:
The foolish among the people will say, "What has turned them away from their qiblah, which they used to face?" Say, "To Allah belongs the east and the west. He guides whom He wills to a straight path." ([2] Al-Baqarah : 142)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
बाज़ अहमक़ लोग ये कह बैठेगें कि मुसलमान जिस क़िबले बैतुल मुक़द्दस की तरफ पहले से सजदा करते थे उस से दूसरे क़िबले की तरफ मुड़ जाने का बाइस हुआ। ऐ रसूल तुम उनके जवाब में कहो कि पूरब पश्चिम सब ख़ुदा का है जिसे चाहता है सीधे रास्ते की तरफ हिदायत करता है