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تِلْكَ اُمَّةٌ قَدْ خَلَتْ ۚ لَهَا مَا كَسَبَتْ وَلَكُمْ مَّا كَسَبْتُمْ ۚ وَلَا تُسْـَٔلُوْنَ عَمَّا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ ࣖ ۔  ( البقرة: ١٤١ )

This
تِلْكَ
ये
(was) a community
أُمَّةٌ
एक उम्मत थी
(which)
قَدْ
तहक़ीक़
has passed away
خَلَتْۖ
वो गुज़र गई
for it
لَهَا
उसके लिए है
what
مَا
जो
it earned
كَسَبَتْ
उसने कमाया
and for you
وَلَكُم
और तुम्हारे लिए है
what
مَّا
जो
you have earned
كَسَبْتُمْۖ
कमाया तुमने
And not
وَلَا
और ना
you will be asked
تُسْـَٔلُونَ
तुम सवाल किए जाओगे
about what
عَمَّا
उसके बारे में जो
they used to
كَانُوا۟
थे वो
do
يَعْمَلُونَ
अमल करते

Tilka ommatun qad khalat laha ma kasabat walakum ma kasabtum wala tusaloona 'amma kanoo ya'maloona (al-Baq̈arah 2:141)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वह एक गिरोह थो जो गुज़र चुका, जो कुछ उसने कमाया वह उसके लिए है और जो कुछ तुमने कमाया वह तुम्हारे लिए है। और तुमसे उसके विषय में न पूछा जाएगा, जो कुछ वे करते रहे है

English Sahih:

That is a nation which has passed on. It will have [the consequence of] what it earned, and you will have what you have earned. And you will not be asked about what they used to do. ([2] Al-Baqarah : 141)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये वह लोग थे जो सिधार चुके जो कुछ कमा गए उनके लिए था और जो कुछ तुम कमाओगे तुम्हारे लिए होगा और जो कुछ वह कर गुज़रे उसकी पूछगछ तुमसे न होगी