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رَبَّنَا وَاجْعَلْنَا مُسْلِمَيْنِ لَكَ وَمِنْ ذُرِّيَّتِنَآ اُمَّةً مُّسْلِمَةً لَّكَۖ وَاَرِنَا مَنَاسِكَنَا وَتُبْ عَلَيْنَا ۚ اِنَّكَ اَنْتَ التَّوَّابُ الرَّحِيْمُ   ( البقرة: ١٢٨ )

Our Lord!
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
[and] Make us
وَٱجْعَلْنَا
और बना हमें
both submissive
مُسْلِمَيْنِ
फ़रमाबरदार
to You
لَكَ
अपने लिए
And from
وَمِن
और हमारी औलाद में से
our offspring
ذُرِّيَّتِنَآ
और हमारी औलाद में से
a community
أُمَّةً
एक उम्मत
submissive
مُّسْلِمَةً
फ़रमाबरदार
to You
لَّكَ
अपने लिए
And show us
وَأَرِنَا
और दिखा हमें
our ways of worship
مَنَاسِكَنَا
हमारी इबादत के तरीक़े
and turn
وَتُبْ
और मेहरबान हो
to us
عَلَيْنَآۖ
हम पर
Indeed You!
إِنَّكَ
बेशक तू
[You] (are)
أَنتَ
तू ही है
the Oft-returning
ٱلتَّوَّابُ
बहुत तौबा क़ुबूल करने वाला
the Most Merciful
ٱلرَّحِيمُ
निहायत रहम करने वाला

Rabbana waij'alna muslimayni laka wamin thurriyyatina ommatan muslimatan laka waarina manasikana watub 'alayna innaka anta alttawwabu alrraheemu (al-Baq̈arah 2:128)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ हमारे रब! हम दोनों को अपना आज्ञाकारी बना और हमारी संतान में से अपना एक आज्ञाकारी समुदाय बना; और हमें हमारे इबादत के तरीक़े बता और हमारी तौबा क़बूल कर। निस्संदेह तू तौबा क़बूल करनेवाला, अत्यन्त दयावान है

English Sahih:

Our Lord, and make us Muslims [in submission] to You and from our descendants a Muslim nation [in submission] to You. And show us our rites [of worship] and accept our repentance. Indeed, You are the Accepting of Repentance, the Merciful. ([2] Al-Baqarah : 128)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(और) ऐ हमारे पालने वाले तू हमें अपना फरमाबरदार बन्दा बना हमारी औलाद से एक गिरोह (पैदा कर) जो तेरा फरमाबरदार हो, और हमको हमारे हज की जगहों दिखा दे और हमारी तौबा क़ुबूल कर, बेशक तू ही बड़ा तौबा कुबूल करने वाला मेहरबान है