وَقَالَ الَّذِيْنَ لَا يَعْلَمُوْنَ لَوْلَا يُكَلِّمُنَا اللّٰهُ اَوْ تَأْتِيْنَآ اٰيَةٌ ۗ كَذٰلِكَ قَالَ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ مِّثْلَ قَوْلِهِمْ ۗ تَشَابَهَتْ قُلُوْبُهُمْ ۗ قَدْ بَيَّنَّا الْاٰيٰتِ لِقَوْمٍ يُّوْقِنُوْنَ ( البقرة: ١١٨ )
Waqala allatheena la ya'lamoona lawla yukallimuna Allahu aw tateena ayatun kathalika qala allatheena min qablihim mithla qawlihim tashabahat quloobuhum qad bayyanna alayati liqawmin yooqinoona (al-Baq̈arah 2:118)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिन्हें ज्ञान नहीं हैं, वे कहते है, 'अल्लाह हमसे बात क्यों नहीं करता? या कोई निशानी हमारे पास आ जाए।' इसी प्रकार इनसे पहले के लोग भी कह चुके है। इन सबके दिल एक जैसे है। हम खोल-खोलकर निशानियाँ उन लोगों के लिए बयान कर चुके है जो विश्वास करें
English Sahih:
Those who do not know say, "Why does Allah not speak to us or there come to us a sign?" Thus spoke those before them like their words. Their hearts resemble each other. We have shown clearly the signs to a people who are certain [in faith]. ([2] Al-Baqarah : 118)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जो (मुशरेकीन) कुछ नहीं जानते कहते हैं कि खुदा हमसे (खुद) कलाम क्यों नहीं करता, या हमारे पास (खुद) कोई निशानी क्यों नहीं आती, इसी तरह उन्हीं की सी बाते वह कर चुके हैं जो उनसे पहले थे उन सब के दिल आपस में मिलते जुलते हैं जो लोग यक़ीन रखते हैं उनको तो अपनी निशानियाँ क्यों साफतौर पर दिखा चुके