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اَمْ تُرِيْدُوْنَ اَنْ تَسْـَٔلُوْا رَسُوْلَكُمْ كَمَا سُىِٕلَ مُوْسٰى مِنْ قَبْلُ ۗوَمَنْ يَّتَبَدَّلِ الْكُفْرَ بِالْاِيْمَانِ فَقَدْ ضَلَّ سَوَاۤءَ السَّبِيْلِ  ( البقرة: ١٠٨ )

Or
أَمْ
क्या
(do) you wish
تُرِيدُونَ
तुम चाहते हो
that
أَن
कि
you ask
تَسْـَٔلُوا۟
तुम सवाल करो
your Messenger
رَسُولَكُمْ
अपने रसूल से
as
كَمَا
जैसा कि
was asked
سُئِلَ
सवाल किए गए
Musa
مُوسَىٰ
मूसा
from
مِن
इससे क़ब्ल
before?
قَبْلُۗ
इससे क़ब्ल
And whoever
وَمَن
और जो कोई
exchanges
يَتَبَدَّلِ
बदले में लेगा
[the] disbelief
ٱلْكُفْرَ
कुफ़्र को
with [the] faith
بِٱلْإِيمَٰنِ
ईमान के
so certainly
فَقَدْ
तो तहक़ीक़
he went astray (from)
ضَلَّ
वो भटक गया
(the) evenness
سَوَآءَ
सीधे
(of) the way
ٱلسَّبِيلِ
रास्ते से

Am tureedoona an tasaloo rasoolakum kama suila moosa min qablu waman yatabaddali alkufra bialeemani faqad dalla sawaa alssabeeli (al-Baq̈arah 2:108)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

(ऐ ईमानवालों! तुम अपने रसूल के आदर का ध्यान रखो) या तुम चाहते हो कि अपने रसूल से उसी प्रकार से प्रश्न और बात करो, जिस प्रकार इससे पहले मूसा से बात की गई है? हालाँकि जिस व्यक्ति न ईमान के बदले इनकार की नीति अपनाई, तो वह सीधे रास्ते से भटक गया

English Sahih:

Or do you intend to ask your Messenger as Moses was asked before? And whoever exchanges faith for disbelief has certainly strayed from the soundness of the way. ([2] Al-Baqarah : 108)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(मुसलमानों) क्या तुम चाहते हो कि तुम भी अपने रसूल से वैसै ही (बेढ़ंगे) सवालात करो जिस तरह साबिक़ (पहले) ज़माने में मूसा से (बेतुके) सवालात किए गए थे और जिस शख्स ने ईमान के बदले कुफ्र एख़तेयार किया वह तो यक़ीनी सीधे रास्ते से भटक गया