Bala man kasaba sayyiatan waahatat bihi khateeatuhu faolaika ashabu alnnari hum feeha khalidoona
क्यों नहीं; जिसने भी कोई बदी कमाई और उसकी खताकारी ने उसे अपने घरे में ले लिया, तो ऐसे ही लोग आग (जहन्नम) में पड़नेवाले है; वे उसी में सदैव रहेंगे
Waallatheena amanoo wa'amiloo alssalihati olaika ashabu aljannati hum feeha khalidoona
रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वही जन्नतवाले हैं, वे सदैव उसी में रहेंगे।'
Waith akhathna meethaqa banee israeela la ta'budoona illa Allaha wabialwalidayni ihsanan wathee alqurba waalyatama waalmasakeeni waqooloo lilnnasi husnan waaqeemoo alssalata waatoo alzzakata thumma tawallaytum illa qaleelan minkum waantum mu'ridoona
और याद करो जब इसराईल की सन्तान से हमने वचन लिया, 'अल्लाह के अतिरिक्त किसी की बन्दगी न करोगे; और माँ-बाप के साथ और नातेदारों के साथ और अनाथों और मुहताजों के साथ अच्छा व्यवहार करोगे; और यह कि लोगों से भली बात कहो और नमाज़ क़ायम करो और ज़कात दो।' तो तुम फिर गए, बस तुममें से बचे थोड़े ही, और तुम उपेक्षा की नीति ही अपनाए रहे
Waith akhathna meethaqakum la tasfikoona dimaakum wala tukhrijoona anfusakum min diyarikum thumma aqrartum waantum tashhadoona
और याद करो जब तुमसे वचन लिया, 'अपने ख़ून न बहाओगे और न अपने लोगों को अपनी बस्तियों से निकालोगे।' फिर तुमने इक़रार किया और तुम स्वयं इसके गवाह हो
Thumma antum haolai taqtuloona anfusakum watukhrijoona fareeqan minkum min diyarihim tathaharoona 'alayhim bialithmi waal'udwani wain yatookum osara tufadoohum wahuwa muharramun 'alaykum ikhrajuhum afatuminoona biba'di alkitabi watakfuroona biba'din fama jazao man yaf'alu thalika minkum illa khizyun fee alhayati alddunya wayawma alqiyamati yuraddoona ila ashaddi al'athabi wama Allahu bighafilin 'amma ta'maloona
फिर तुम वही हो कि अपने लोगों की हत्या करते हो और अपने ही एक गिरोह के लोगों को उनकी बस्तियों से निकालते हो; तुम गुनाह और ज़्यादती के साथ उनके विरुद्ध एक-दूसरे के पृष्ठपोषक बन जाते हो; और यदि वे बन्दी बनकर तुम्हारे पास आते है, तो उनकी रिहाई के लिए फिद्ए (अर्थदंड) का लेन-देन करते हो जबकि उनको उनके घरों से निकालना ही तुम पर हराम था, तो क्या तुम किताब के एक हिस्से को मानते हो और एक को नहीं मानते? फिर तुममें जो ऐसा करें उसका बदला इसके सिवा और क्या हो सकता है कि सांसारिक जीवन में अपमान हो? और क़यामत के दिन ऐसे लोगों को कठोर से कठोर यातना की ओर फेर दिया जाएगा। अल्लाह उससे बेखबर नहीं है जो कुछ तुम कर रहे हो
Olaika allatheena ishtarawoo alhayata alddunya bialakhirati fala yukhaffafu 'anhumu al'athabu wala hum yunsaroona
यही वे लोग है जो आख़िरात के बदले सांसारिक जीवन के ख़रीदार हुए, तो न उनकी यातना हल्की की जाएगी और न उन्हें कोई सहायता पहुँच सकेगी
Walaqad atayna moosa alkitaba waqaffayna min ba'dihi bialrrusuli waatayna 'eesa ibna maryama albayyinati waayyadnahu biroohi alqudusi afakullama jaakum rasoolun bima la tahwa anfusukumu istakbartum fafareeqan kaththabtum wafareeqan taqtuloona
और हमने मूसा को किताब दी थी, और उसके पश्चात आगे-पीछे निरन्तर रसूल भेजते रहे; और मरयम के बेटे ईसा को खुली-खुली निशानियाँ प्रदान की और पवित्र-आत्मा के द्वारा उसे शक्ति प्रदान की; तो यही तो हुआ कि जब भी कोई रसूल तुम्हारे पास वह कुछ लेकर आया जो तुम्हारे जी को पसन्द न था, तो तुम अकड़ बैठे, तो एक गिरोह को तो तुमने झुठलाया और एक गिरोह को क़त्ल करते हो?
Waqaloo quloobuna ghulfun bal la'anahumu Allahu bikufrihim faqaleelan ma yuminoona
वे कहते हैं, 'हमारे दिलों पर तो प्राकृतिक आवरण चढ़े है' नहीं, बल्कि उनके इनकार के कारण अल्लाह ने उनपर लानत की है; अतः वे ईमान थोड़े ही लाएँगे
Walamma jaahum kitabun min 'indi Allahi musaddiqun lima ma'ahum wakanoo min qablu yastaftihoona 'ala allatheena kafaroo falamma jaahum ma 'arafoo kafaroo bihi fala'natu Allahi 'ala alkafireena
और जब उनके पास एक किताब अल्लाह की ओर से आई है जो उसकी पुष्टि करती है जो उनके पास मौजूद है - और इससे पहले तो वे न माननेवाले लोगों पर विजय पाने के इच्छुक रहे है - फिर जब वह चीज़ उनके पास आ गई जिसे वे पहचान भी गए हैं, तो उसका इनकार कर बैठे; तो अल्लाह की फिटकार इनकार करने वालों पर!
Bisama ishtaraw bihi anfusahum an yakfuroo bima anzala Allahu baghyan an yunazzila Allahu min fadlihi 'ala man yashao min 'ibadihi fabaoo bighadabin 'ala ghadabin walilkafireena 'athabun muheenun
क्या ही बुरी चीज़ है जिसके बदले उन्होंने अपनी जानों का सौदा किया, अर्थात जो कुछ अल्लाह ने उतारा है उसे सरकशी और इस अप्रियता के कारण नहीं मानते कि अल्लाह अपना फ़ज़्ल (कृपा) अपने बन्दों में से जिसपर चाहता है क्यों उतारता है, अतः वे प्रकोप पर प्रकोप के अधिकारी हो गए है। और ऐसे इनकार करनेवालों के लिए अपमानजनक यातना है