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فَهَزَمُوهُم
तो उन्होंने शिकस्त दे दी उन्हें
بِإِذْنِ
अल्लाह के इज़्न से
ٱللَّهِ
अल्लाह के इज़्न से
وَقَتَلَ
और क़त्ल कर दिया
دَاوُۥدُ
दाऊद ने
جَالُوتَ
जालूत को
وَءَاتَىٰهُ
और अता की उसे
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
ٱلْمُلْكَ
बादशाहत
وَٱلْحِكْمَةَ
और हिकमत
وَعَلَّمَهُۥ
और उसने सिखाया उसे
مِمَّا
उसमें से जो
يَشَآءُۗ
उसने चाहा
وَلَوْلَا
और अगर ना होता
دَفْعُ
हटा देना
ٱللَّهِ
अल्लाह का
ٱلنَّاسَ
लोगों को
بَعْضَهُم
उनके बाज़ को
بِبَعْضٍ
साथ बाज़ के
لَّفَسَدَتِ
अलबत्ता फ़साद फैल जाता
ٱلْأَرْضُ
ज़मीन में
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
ٱللَّهَ
अल्लाह
ذُو
फज़ल वाला है
فَضْلٍ
फज़ल वाला है
عَلَى
तमाम जहान वालों पर
ٱلْعَٰلَمِينَ
तमाम जहान वालों पर

Fahazamoohum biithni Allahi waqatala dawoodu jaloota waatahu Allahu almulka waalhikmata wa'allamahu mimma yashao walawla daf'u Allahi alnnasa ba'dahum biba'din lafasadati alardu walakinna Allaha thoo fadlin 'ala al'alameena

अन्ततः अल्लाह की अनुज्ञा से उन्होंने उनको पराजित कर दिया और दाऊद ने जालूत को क़त्ल कर दिया, और अल्लाह ने उसे राज्य और तत्वदर्शिता (हिकमत) प्रदान की, जो कुछ वह (दाऊद) चाहे, उससे उसको अवगत कराया। और यदि अल्लाह मनुष्यों के एक गिरोह को दूसरे गिरोह के द्वारा हटाता न रहता तो धरती की व्यवस्था बिगड़ जाती, किन्तु अल्लाह संसारवालों के लिए उदार अनुग्राही है

Tafseer (तफ़सीर )

تِلْكَ
ये
ءَايَٰتُ
आयात हैं
ٱللَّهِ
अल्लाह की
نَتْلُوهَا
हम पढ़ते हैं उन्हें
عَلَيْكَ
आप पर
بِٱلْحَقِّۚ
साथ हक़ के
وَإِنَّكَ
और बेशक आप
لَمِنَ
अलबत्ता रसूलों में से हैं
ٱلْمُرْسَلِينَ
अलबत्ता रसूलों में से हैं

Tilka ayatu Allahi natlooha 'alayka bialhaqqi wainnaka lamina almursaleena

ये अल्लाह की सच्ची आयतें है जो हम तुम्हें (सोद्देश्य) सुना रहे है और निश्चय ही तुम उन लोगों में से हो, जो रसूस बनाकर भेजे गए है

Tafseer (तफ़सीर )

تِلْكَ
ये
ٱلرُّسُلُ
रसूल
فَضَّلْنَا
फ़ज़ीलत दी हमने
بَعْضَهُمْ
उनके बाज़ को
عَلَىٰ
बाज़ पर
بَعْضٍۘ
बाज़ पर
مِّنْهُم
उनमें से बाज़ (वो हैं)
مَّن
जिनसे
كَلَّمَ
कलाम किया
ٱللَّهُۖ
अल्लाह ने
وَرَفَعَ
और उसने बुलन्द किया
بَعْضَهُمْ
उनमें से बाज़ को
دَرَجَٰتٍۚ
दरजात में
وَءَاتَيْنَا
और दीं हमने
عِيسَى
ईसा
ٱبْنَ
इब्ने मरियम को
مَرْيَمَ
इब्ने मरियम को
ٱلْبَيِّنَٰتِ
वाज़ेह निशानियाँ
وَأَيَّدْنَٰهُ
और क़ुव्वत दी हमने उसे
بِرُوحِ
साथ रूहुल क़ुदुस के
ٱلْقُدُسِۗ
साथ रूहुल क़ुदुस के
وَلَوْ
और अगर
شَآءَ
चाहता
ٱللَّهُ
अल्लाह
مَا
ना
ٱقْتَتَلَ
बाहम लड़ते
ٱلَّذِينَ
वो जो
مِنۢ
थे उनके बाद
بَعْدِهِم
थे उनके बाद
مِّنۢ
बाद
بَعْدِ
बाद
مَا
उसके जो
جَآءَتْهُمُ
आ गईं उनके पास
ٱلْبَيِّنَٰتُ
वाज़ेह निशानियाँ
وَلَٰكِنِ
और लेकिन
ٱخْتَلَفُوا۟
उन्होंने इख़्तिलाफ़ किया
فَمِنْهُم
फिर उनमें से कोई है
مَّنْ
जो
ءَامَنَ
ईमान लाया
وَمِنْهُم
और उनमें से कोई है
مَّن
जिसने
كَفَرَۚ
कुफ़्र किया
وَلَوْ
और अगर
شَآءَ
चाहता
ٱللَّهُ
अल्लाह
مَا
ना
ٱقْتَتَلُوا۟
वो बाहम लड़ते
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
ٱللَّهَ
अल्लाह
يَفْعَلُ
करता है
مَا
जो
يُرِيدُ
वो चाहता है

Tilka alrrusulu faddalna ba'dahum 'ala ba'din minhum man kallama Allahu warafa'a ba'dahum darajatin waatayna 'eesa ibna maryama albayyinati waayyadnahu biroohi alqudusi walaw shaa Allahu ma iqtatala allatheena min ba'dihim min ba'di ma jaathumu albayyinatu walakini ikhtalafoo faminhum man amana waminhum man kafara walaw shaa Allahu ma iqtataloo walakinna Allaha yaf'alu ma yureedu

ये रसूल ऐसे हुए है कि इनमें हमने कुछ को कुछ पर श्रेष्ठता प्रदान की। इनमें कुछ से तो अल्लाह ने बातचीत की और इनमें से कुछ को दर्जों की स्पष्ट से उच्चता प्रदान की। और मरयम के बेटे ईसा को हमने खुली निशानियाँ दी और पवित्र आत्मा से उसकी सहायता की। और यदि अल्लाह चाहता तो वे लोग, जो उनके पश्चात हुए, खुली निशानियाँ पा लेने के बाद परस्पर न लड़ते। किन्तु वे विभेद में पड़ गए तो उनमें से कोई तो ईमान लाया और उनमें से किसी ने इनकार की नीति अपनाई। और यदि अल्लाह चाहता तो वे परस्पर न लड़ते, परन्तु अल्लाह जो चाहता है, करता है

Tafseer (तफ़सीर )

يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए हो
أَنفِقُوا۟
ख़र्च करो
مِمَّا
उसमें से जो
رَزَقْنَٰكُم
रिज़्क़ दिया हमने तुम्हें
مِّن
इससे पहले
قَبْلِ
इससे पहले
أَن
कि
يَأْتِىَ
आ जाए
يَوْمٌ
वो दिन
لَّا
नहीं
بَيْعٌ
कोई ख़रीद व फ़रोख़्त
فِيهِ
उसमें
وَلَا
और ना
خُلَّةٌ
कोई दोस्ती
وَلَا
और ना
شَفَٰعَةٌۗ
कोई सिफ़ारिश
وَٱلْكَٰفِرُونَ
और जो काफ़िर हैं
هُمُ
वो ही
ٱلظَّٰلِمُونَ
ज़ालिम हैं

Ya ayyuha allatheena amanoo anfiqoo mimma razaqnakum min qabli an yatiya yawmun la bay'un feehi wala khullatun wala shafa'atun waalkafiroona humu alththalimoona

ऐ ईमान लानेवालो! हमने जो कुछ तुम्हें प्रदान किया है उसमें से ख़र्च करो, इससे पहले कि वह दिन आ जाए जिसमें न कोई क्रय-विक्रय होगा और न कोई मित्रता होगी और न कोई सिफ़ारिश। ज़ालिम वही है, जिन्होंने इनकार की नीति अपनाई है

Tafseer (तफ़सीर )

ٱللَّهُ
अल्लाह
لَآ
नहीं
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
إِلَّا
मगर
هُوَ
वो ही
ٱلْحَىُّ
ज़िन्दा है
ٱلْقَيُّومُۚ
क़ायम रखने वाला है
لَا
नहीं पकड़ती उसे
تَأْخُذُهُۥ
नहीं पकड़ती उसे
سِنَةٌ
ऊँघ
وَلَا
और ना
نَوْمٌۚ
नीन्द
لَّهُۥ
उसी के लिए है
مَا
जो कुछ
فِى
आसमानों में
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
وَمَا
और जो कुछ
فِى
ज़मीन में है
ٱلْأَرْضِۗ
ज़मीन में है
مَن
कौन है
ذَا
वो जो
ٱلَّذِى
वो जो
يَشْفَعُ
सिफ़ारिश करे
عِندَهُۥٓ
उसके पास
إِلَّا
मगर
بِإِذْنِهِۦۚ
उसके इज़्न से
يَعْلَمُ
वो जानता है
مَا
जो
بَيْنَ
दर्मियान है
أَيْدِيهِمْ
उनके हाथों के
وَمَا
और जो
خَلْفَهُمْۖ
उनके पीछे है
وَلَا
और नहीं
يُحِيطُونَ
वो इहाता कर सकते
بِشَىْءٍ
किसी चीज़ का
مِّنْ
उसके इल्म में से
عِلْمِهِۦٓ
उसके इल्म में से
إِلَّا
मगर
بِمَا
जो
شَآءَۚ
वो चाहे
وَسِعَ
घेर रखा है
كُرْسِيُّهُ
उसकी कुर्सी ने
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
وَٱلْأَرْضَۖ
और ज़मीन को
وَلَا
और नहीं
يَـُٔودُهُۥ
थकाती उसे
حِفْظُهُمَاۚ
हिफ़ाज़त उन दोनों की
وَهُوَ
और वो
ٱلْعَلِىُّ
बुलन्दतर है
ٱلْعَظِيمُ
बहुत बड़ा है

Allahu la ilaha illa huwa alhayyu alqayyoomu la takhuthuhu sinatun wala nawmun lahu ma fee alssamawati wama fee alardi man tha allathee yashfa'u 'indahu illa biithnihi ya'lamu ma bayna aydeehim wama khalfahum wala yuheetoona bishayin min 'ilmihi illa bima shaa wasi'a kursiyyuhu alssamawati waalarda wala yaooduhu hifthuhuma wahuwa al'aliyyu al'atheemu

अल्लाह कि जिसके सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं, वह जीवन्त-सत्ता है, सबको सँभालने और क़ायम रखनेवाला है। उसे न ऊँघ लगती है और न निद्रा। उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है। कौन है जो उसके यहाँ उसकी अनुमति के बिना सिफ़ारिश कर सके? वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है। और वे उसके ज्ञान में से किसी चीज़ पर हावी नहीं हो सकते, सिवाय उसके जो उसने चाहा। उसकी कुर्सी (प्रभुता) आकाशों और धरती को व्याप्त है और उनकी सुरक्षा उसके लिए तनिक भी भारी नहीं और वह उच्च, महान है

Tafseer (तफ़सीर )

لَآ
नहीं कोई जबर/ज़बरदस्ती
إِكْرَاهَ
नहीं कोई जबर/ज़बरदस्ती
فِى
दीन में
ٱلدِّينِۖ
दीन में
قَد
तहक़ीक़
تَّبَيَّنَ
वाज़ेह हो गई है
ٱلرُّشْدُ
हिदायत
مِنَ
गुमराही से
ٱلْغَىِّۚ
गुमराही से
فَمَن
तो जो कोई
يَكْفُرْ
कुफ़्र करेगा
بِٱلطَّٰغُوتِ
ताग़ूत का
وَيُؤْمِنۢ
और वो ईमान लाएगा
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
فَقَدِ
पस तहक़ीक़
ٱسْتَمْسَكَ
उसने थाम लिया
بِٱلْعُرْوَةِ
कड़ा
ٱلْوُثْقَىٰ
मज़बूत
لَا
नहीं है कोई टूटना
ٱنفِصَامَ
नहीं है कोई टूटना
لَهَاۗ
उसके लिए
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
سَمِيعٌ
ख़ूब सुनने वाला है
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है

La ikraha fee alddeeni qad tabayyana alrrushdu mina alghayyi faman yakfur bialttaghooti wayumin biAllahi faqadi istamsaka bial'urwati alwuthqa la infisama laha waAllahu samee'un 'aleemun

धर्म के विषय में कोई ज़बरदस्ती नहीं। सही बात नासमझी की बात से अलग होकर स्पष्ट हो गई है। तो अब जो कोई बढ़े हुए सरकश को ठुकरा दे और अल्लाह पर ईमान लाए, उसने ऐसा मज़बूत सहारा थाम लिया जो कभी टूटनेवाला नहीं। अल्लाह सब कुछ सुनने, जाननेवाला है

Tafseer (तफ़सीर )

ٱللَّهُ
अल्लाह
وَلِىُّ
दोस्त है
ٱلَّذِينَ
उनका जो
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
يُخْرِجُهُم
वो निकालता है उन्हें
مِّنَ
अँधेरों से
ٱلظُّلُمَٰتِ
अँधेरों से
إِلَى
तरफ़ नूर के
ٱلنُّورِۖ
तरफ़ नूर के
وَٱلَّذِينَ
और जिन्होंने
كَفَرُوٓا۟
कुफ़्र किया
أَوْلِيَآؤُهُمُ
दोस्त उनके
ٱلطَّٰغُوتُ
ताग़ूत हैं
يُخْرِجُونَهُم
वो निकालते है उन्हें
مِّنَ
नूर से
ٱلنُّورِ
नूर से
إِلَى
तरफ़ अँधेरों के
ٱلظُّلُمَٰتِۗ
तरफ़ अँधेरों के
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
أَصْحَٰبُ
साथी
ٱلنَّارِۖ
आग के
هُمْ
वो
فِيهَا
उसमें
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं

Allahu waliyyu allatheena amanoo yukhrijuhum mina alththulumati ila alnnoori waallatheena kafaroo awliyaohumu alttaghootu yukhrijoonahum mina alnnoori ila alththulumati olaika ashabu alnnari hum feeha khalidoona

जो लोग ईमान लाते है, अल्लाह उनका रक्षक और सहायक है। वह उन्हें अँधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाता है। रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया तो उनके संरक्षक बढ़े हुए सरकश है। वे उन्हें प्रकाश से निकालकर अँधेरों की ओर ले जाते है। वही आग (जहन्नम) में पड़नेवाले है। वे उसी में सदैव रहेंगे

Tafseer (तफ़सीर )

أَلَمْ
क्या नहीं
تَرَ
आपने देखा
إِلَى
तरफ़ उसके जिसने
ٱلَّذِى
तरफ़ उसके जिसने
حَآجَّ
झगड़ा किया
إِبْرَٰهِۦمَ
इब्राहीम से
فِى
उसके रब के बारे में
رَبِّهِۦٓ
उसके रब के बारे में
أَنْ
कि
ءَاتَىٰهُ
अता की उसे
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
ٱلْمُلْكَ
बादशाहत
إِذْ
जब
قَالَ
कहा
إِبْرَٰهِۦمُ
इब्राहीम ने
رَبِّىَ
मेरा रब
ٱلَّذِى
वो है जो
يُحْىِۦ
ज़िन्दा करता है
وَيُمِيتُ
और वो मौत देता है
قَالَ
उसने कहा
أَنَا۠
मैं
أُحْىِۦ
मैं ज़िन्दा करता हूँ
وَأُمِيتُۖ
और मैं मौत देता हूँ
قَالَ
कहा
إِبْرَٰهِۦمُ
इब्राहीम ने
فَإِنَّ
पस बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
يَأْتِى
लाता है
بِٱلشَّمْسِ
सूरज को
مِنَ
मशरिक़ से
ٱلْمَشْرِقِ
मशरिक़ से
فَأْتِ
पस तुम ले आओ
بِهَا
उसे
مِنَ
मग़रिब से
ٱلْمَغْرِبِ
मग़रिब से
فَبُهِتَ
पस मबहूत रह गया
ٱلَّذِى
वो जिसने
كَفَرَۗ
कुफ़्र किया था
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
لَا
नहीं वो हिदायत देता
يَهْدِى
नहीं वो हिदायत देता
ٱلْقَوْمَ
उन लोगों को
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं

Alam tara ila allathee hajja ibraheema fee rabbihi an atahu Allahu almulka ith qala ibraheemu rabbiya allathee yuhyee wayumeetu qala ana ohyee waomeetu qala ibraheemu fainna Allaha yatee bialshshamsi mina almashriqi fati biha mina almaghribi fabuhita allathee kafara waAllahu la yahdee alqawma alththalimeena

क्या तुमने उनको नहीं देखा, जिसने इबराहीम से उसके 'रब' के सिलसिले में झगड़ा किया था, इस कारण कि अल्लाह ने उसको राज्य दे रखा था? जब इबराहीम ने कहा, 'मेरा 'रब' वह है जो जिलाता और मारता है।' उसने कहा, 'मैं भी तो जिलाता और मारता हूँ।' इबराहीम ने कहा, 'अच्छा तो अल्लाह सूर्य को पूरब से लाता है, तो तू उसे पश्चिम से ले आ।' इसपर वह अधर्मी चकित रह गया। अल्लाह ज़ालिम लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता

Tafseer (तफ़सीर )

أَوْ
या
كَٱلَّذِى
मानिन्द उसके जो
مَرَّ
गुज़रा
عَلَىٰ
ऊपर
قَرْيَةٍ
एक बस्ती के
وَهِىَ
और वो
خَاوِيَةٌ
गिरी हुई थी
عَلَىٰ
अपनी छतों पर
عُرُوشِهَا
अपनी छतों पर
قَالَ
उसने कहा
أَنَّىٰ
किस तरह
يُحْىِۦ
ज़िन्दा करेगा
هَٰذِهِ
इसको
ٱللَّهُ
अल्लाह
بَعْدَ
बाद
مَوْتِهَاۖ
इसकी मौत के
فَأَمَاتَهُ
तो मौत दे दी उसे
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
مِا۟ئَةَ
सौ
عَامٍ
साल
ثُمَّ
फिर
بَعَثَهُۥۖ
उसने उठाया उसे
قَالَ
फ़रमाया
كَمْ
कितना (अरसा)
لَبِثْتَۖ
ठहरे रहे तुम
قَالَ
उसने कहा
لَبِثْتُ
ठहरा रहा मैं
يَوْمًا
एक दिन
أَوْ
या
بَعْضَ
कुछ हिस्सा
يَوْمٍۖ
दिन का
قَالَ
फ़रमाया
بَل
बल्कि
لَّبِثْتَ
ठहरे रहे तुम
مِا۟ئَةَ
सौ
عَامٍ
साल
فَٱنظُرْ
पस देखो
إِلَىٰ
तरफ़
طَعَامِكَ
अपने खाने के
وَشَرَابِكَ
और अपने पीने के
لَمْ
नहीं
يَتَسَنَّهْۖ
बासी हुआ वो
وَٱنظُرْ
और देखो
إِلَىٰ
तरफ़
حِمَارِكَ
अपने गधे के
وَلِنَجْعَلَكَ
और ताकि हम बना दें तुम्हें
ءَايَةً
एक निशानी
لِّلنَّاسِۖ
लोगों के लिए
وَٱنظُرْ
और देखो
إِلَى
तरफ़
ٱلْعِظَامِ
हड्डियों के
كَيْفَ
किस तरह
نُنشِزُهَا
हम उठा कर जोड़ते हैं उन्हें
ثُمَّ
फिर
نَكْسُوهَا
हम पहनाते हैं उन्हें
لَحْمًاۚ
गोश्त
فَلَمَّا
फिर जब
تَبَيَّنَ
वाज़ेह हो गया
لَهُۥ
उसके लिए
قَالَ
उसने कहा
أَعْلَمُ
मैं जानता हूँ
أَنَّ
कि बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
عَلَىٰ
ऊपर
كُلِّ
हर
شَىْءٍ
चीज़ के
قَدِيرٌ
बहुत क़ादिर है

Aw kaallathee marra 'ala qaryatin wahiya khawiyatun 'ala 'urooshiha qala anna yuhyee hathihi Allahu ba'da mawtiha faamatahu Allahu miata 'amin thumma ba'athahu qala kam labithta qala labithtu yawman aw ba'da yawmin qala bal labithta miata 'amin faonthur ila ta'amika washarabika lam yatasannah waonthur ila himarika walinaj'alaka ayatan lilnnasi waonthur ila al'ithami kayfa nunshizuha thumma naksooha lahman falamma tabayyana lahu qala a'lamu anna Allaha 'ala kulli shayin qadeerun

या उस जैसे (व्यक्ति) को नहीं देखा, जिसका एक ऐसी बस्ती पर से गुज़र हुआ, जो अपनी छतों के बल गिरी हुई थी। उसने कहा, 'अल्लाह इसके विनष्ट हो जाने के पश्चात इसे किस प्रकार जीवन प्रदान करेगा?' तो अल्लाह ने उसे सौ वर्ष की मृत्यु दे दी, फिर उसे उठा खड़ा किया। कहा, 'तू कितनी अवधि तक इस अवस्था नें रहा।' उसने कहा, 'मैं एक या दिन का कुछ हिस्सा रहा।' कहा, 'नहीं, बल्कि तू सौ वर्ष रहा है। अब अपने खाने और पीने की चीज़ों को देख ले, उन पर समय का कोई प्रभाव नहीं, और अपने गधे को भी देख, और यह इसलिए कह रहे है ताकि हम तुझे लोगों के लिए एक निशानी बना दें और हड्डियों को देख कि किस प्रकार हम उन्हें उभारते है, फिर, उनपर माँस चढ़ाते है।' तो जब वास्तविकता उस पर प्रकट हो गई तो वह पुकार उठा, ' मैं जानता हूँ कि अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है।'

Tafseer (तफ़सीर )

وَإِذْ
और जब
قَالَ
कहा
إِبْرَٰهِۦمُ
इब्राहीम ने
رَبِّ
ऐ मेरे रब
أَرِنِى
दिखा मुझे
كَيْفَ
किस तरह
تُحْىِ
तू ज़िन्दा करेगा
ٱلْمَوْتَىٰۖ
मुर्दों को
قَالَ
फ़रमाया
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
تُؤْمِنۖ
तुम ईमान रखते
قَالَ
उसने कहा
بَلَىٰ
क्यों नहीं
وَلَٰكِن
और लेकिन
لِّيَطْمَئِنَّ
ताकि मुत्मईन हो जाए
قَلْبِىۖ
दिल मेरा
قَالَ
फ़रमाया
فَخُذْ
पस ले लो
أَرْبَعَةً
चार
مِّنَ
परिन्दों में से
ٱلطَّيْرِ
परिन्दों में से
فَصُرْهُنَّ
फिर माइल करो उन्हें
إِلَيْكَ
तरफ़ अपने
ثُمَّ
फिर
ٱجْعَلْ
रख दो
عَلَىٰ
ऊपर
كُلِّ
हर
جَبَلٍ
पहाड़ के
مِّنْهُنَّ
उनमें से
جُزْءًا
एक हिस्सा
ثُمَّ
फिर
ٱدْعُهُنَّ
बुलाओ उन्हें
يَأْتِينَكَ
वो आ जाऐंगे तेरे पास
سَعْيًاۚ
दौड़ते हुए
وَٱعْلَمْ
और जान लो
أَنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है
حَكِيمٌ
ख़ूब हिकमत वाला है

Waith qala ibraheemu rabbi arinee kayfa tuhyee almawta qala awalam tumin qala bala walakin liyatmainna qalbee qala fakhuth arba'atan mina alttayri fasurhunna ilayka thumma ij'al 'ala kulli jabalin minhunna juzan thumma od'uhunna yateenaka sa'yan wai'lam anna Allaha 'azeezun hakeemun

और याद करो जब इबराहीम ने कहा, 'ऐ मेरे रब! मुझे दिखा दे, तू मुर्दों को कैसे जीवित करेगा?' कहा,' क्या तुझे विश्वास नहीं?' उसने कहा,'क्यों नहीं, किन्तु निवेदन इसलिए है कि मेरा दिल संतुष्ट हो जाए।' कहा, 'अच्छा, तो चार पक्षी ले, फिर उन्हें अपने साथ भली-भाँति हिला-मिला से, फिर उनमें से प्रत्येक को एक-एक पर्वत पर रख दे, फिर उनको पुकार, वे तेरे पास लपककर आएँगे। और जान ले कि अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है।'

Tafseer (तफ़सीर )