Skip to main content

تِلْكَ
ये
أُمَّةٌ
एक उम्मत थी
قَدْ
तहक़ीक़
خَلَتْۖ
वो गुज़र गई
لَهَا
उसके लिए है
مَا
जो
كَسَبَتْ
उसने कमाया
وَلَكُم
और तुम्हारे लिए है
مَّا
जो
كَسَبْتُمْۖ
कमाया तुमने
وَلَا
और ना
تُسْـَٔلُونَ
तुम सवाल किए जाओगे
عَمَّا
उसके बारे में जो
كَانُوا۟
थे वो
يَعْمَلُونَ
अमल करते

Tilka ommatun qad khalat laha ma kasabat walakum ma kasabtum wala tusaloona 'amma kanoo ya'maloona

वह एक गिरोह थो जो गुज़र चुका, जो कुछ उसने कमाया वह उसके लिए है और जो कुछ तुमने कमाया वह तुम्हारे लिए है। और तुमसे उसके विषय में न पूछा जाएगा, जो कुछ वे करते रहे है

Tafseer (तफ़सीर )

سَيَقُولُ
अनक़रीब कहेंगे
ٱلسُّفَهَآءُ
नादान / बेवक़ूफ़
مِنَ
लोगों में से
ٱلنَّاسِ
लोगों में से
مَا
किसने
وَلَّىٰهُمْ
फेर दिया उन्हें
عَن
उनके क़िबले से
قِبْلَتِهِمُ
उनके क़िबले से
ٱلَّتِى
वो जो
كَانُوا۟
थे वो
عَلَيْهَاۚ
उस पर
قُل
कह दीजिए
لِّلَّهِ
अल्लाह ही के लिए हैं
ٱلْمَشْرِقُ
मशरिक़
وَٱلْمَغْرِبُۚ
और मग़रिब
يَهْدِى
वो हिदायत देता है
مَن
जिसे
يَشَآءُ
वो चाहता है
إِلَىٰ
तरफ़
صِرَٰطٍ
रास्ते
مُّسْتَقِيمٍ
सीधे के

Sayaqoolu alssufahao mina alnnasi ma wallahum 'an qiblatihimu allatee kanoo 'alayha qul lillahi almashriqu waalmaghribu yahdee man yashao ila siratin mustaqeemin

मूर्ख लोग अब कहेंगे, 'उन्हें उनके उस क़िबले (उपासना-दिशा) से, जिस पर वे थे किस ची़ज़ ने फेर दिया?' कहो, 'पूरब और पश्चिम अल्लाह ही के है, वह जिसे चाहता है सीधा मार्ग दिखाता है।'

Tafseer (तफ़सीर )

وَكَذَٰلِكَ
और इसी तरह
جَعَلْنَٰكُمْ
बनाया हमने तुम्हें
أُمَّةً
एक उम्मत
وَسَطًا
वस्त / दर्मियानी
لِّتَكُونُوا۟
ताकि तुम हो जाओ
شُهَدَآءَ
गवाह
عَلَى
लोगों पर
ٱلنَّاسِ
लोगों पर
وَيَكُونَ
और हो जाए
ٱلرَّسُولُ
रसूल
عَلَيْكُمْ
तुम पर
شَهِيدًاۗ
गवाह
وَمَا
और नहीं
جَعَلْنَا
बनाया हमने
ٱلْقِبْلَةَ
इस क़िबले को
ٱلَّتِى
वो जो
كُنتَ
थे आप
عَلَيْهَآ
जिस पर
إِلَّا
मगर
لِنَعْلَمَ
ताकि हम जान लें
مَن
कौन
يَتَّبِعُ
पैरवी करता है
ٱلرَّسُولَ
रसूल की
مِمَّن
उससे जो
يَنقَلِبُ
पलट जाता है
عَلَىٰ
अपनी दोनों एड़ियों पर
عَقِبَيْهِۚ
अपनी दोनों एड़ियों पर
وَإِن
और बिला शुबा
كَانَتْ
थी (ये बात)
لَكَبِيرَةً
यक़ीनन बड़ी भारी
إِلَّا
मगर
عَلَى
उन पर (नहीं) जिन्हें
ٱلَّذِينَ
उन पर (नहीं) जिन्हें
هَدَى
हिदायत दी
ٱللَّهُۗ
अल्लाह ने
وَمَا
और नहीं
كَانَ
है
ٱللَّهُ
अल्लाह
لِيُضِيعَ
कि वो ज़ाया कर दे
إِيمَٰنَكُمْۚ
ईमान तुम्हारा
إِنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
بِٱلنَّاسِ
लोगों पर
لَرَءُوفٌ
यक़ीनन शफ़ीक़ है
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

Wakathalika ja'alnakum ommatan wasatan litakoonoo shuhadaa 'ala alnnasi wayakoona alrrasoolu 'alaykum shaheedan wama ja'alna alqiblata allatee kunta 'alayha illa lina'lama man yattabi'u alrrasoola mimman yanqalibu 'ala 'aqibayhi wain kanat lakabeeratan illa 'ala allatheena hada Allahu wama kana Allahu liyudee'a eemanakum inna Allaha bialnnasi laraoofun raheemun

और इसी प्रकार हमने तुम्हें बीच का एक उत्तम समुदाय बनाया है, ताकि तुम सारे मनुष्यों पर गवाह हो, और रसूल तुमपर गवाह हो। और जिस (क़िबले) पर तुम रहे हो उसे तो हमने केवल इसलिए क़िबला बनाया था कि जो लोग पीठ-पीछे फिर जानेवाले है, उनसे हम उनको अलग जान लें जो रसूल का अनुसरण करते है। और यह बात बहुत भारी (अप्रिय) है, किन्तु उन लोगों के लिए नहीं जिन्हें अल्लाह ने मार्ग दिखाया है। और अल्लाह ऐसा नहीं कि वह तुम्हारे ईमान को अकारथ कर दे, अल्लाह तो इनसानों के लिए अत्यन्त करूणामय, दयावान है

Tafseer (तफ़सीर )

قَدْ
तहक़ीक़
نَرَىٰ
हम देखते हैं
تَقَلُّبَ
बार बार फिरना
وَجْهِكَ
आपके चेहरे का
فِى
आसमान की तरफ़
ٱلسَّمَآءِۖ
आसमान की तरफ़
فَلَنُوَلِّيَنَّكَ
पस अलबत्ता हम ज़रूर फेर देंगे आपको
قِبْلَةً
उस क़िबले की (तरफ़)
تَرْضَىٰهَاۚ
आप राज़ी हो जाऐं जिससे
فَوَلِّ
पस फेर लीजिए
وَجْهَكَ
अपने चेहरे को
شَطْرَ
तरफ़
ٱلْمَسْجِدِ
मस्जिदे
ٱلْحَرَامِۚ
हराम के
وَحَيْثُ
और जहाँ कहीं
مَا
और जहाँ कहीं
كُنتُمْ
हो तुम
فَوَلُّوا۟
पस फेर लो
وُجُوهَكُمْ
अपने चेहरों को
شَطْرَهُۥۗ
तरफ़ उसके
وَإِنَّ
और बेशक
ٱلَّذِينَ
वो जो
أُوتُوا۟
दिए गए
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
لَيَعْلَمُونَ
अलबत्ता वो जानते हैं
أَنَّهُ
बेशक वो
ٱلْحَقُّ
हक़ है
مِن
उनके रब की तरफ़ से
رَّبِّهِمْۗ
उनके रब की तरफ़ से
وَمَا
और नहीं
ٱللَّهُ
अल्लाह
بِغَٰفِلٍ
ग़ाफ़िल
عَمَّا
उससे जो
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते हैं

Qad nara taqalluba wajhika fee alssamai falanuwalliyannaka qiblatan tardaha fawalli wajhaka shatra almasjidi alharami wahaythu ma kuntum fawalloo wujoohakum shatrahu wainna allatheena ootoo alkitaba laya'lamoona annahu alhaqqu min rabbihim wama Allahu bighafilin 'amma ya'maloona

हम आकाश में तुम्हारे मुँह की गर्दिश देख रहे है, तो हम अवश्य ही तुम्हें उसी क़िबले का अधिकारी बना देंगे जिसे तुम पसन्द करते हो। अतः मस्जिदे हराम (काबा) की ओर अपना रूख़ करो। और जहाँ कहीं भी हो अपने मुँह उसी की ओर करो - निश्चय ही जिन लोगों को किताब मिली थी, वे भली-भाँति जानते है कि वही उनके रब की ओर से हक़ है, इसके बावजूद जो कुछ वे कर रहे है अल्लाह उससे बेखबर नहीं है

Tafseer (तफ़सीर )

وَلَئِنْ
और अलबत्ता अगर
أَتَيْتَ
लाऐं आप (उनके पास)
ٱلَّذِينَ
वो जो
أُوتُوا۟
दिए गए
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
بِكُلِّ
हर
ءَايَةٍ
निशानी
مَّا
नहीं
تَبِعُوا۟
वो पैरवी करेंगे
قِبْلَتَكَۚ
आपके क़िबले की
وَمَآ
और नहीं
أَنتَ
आप
بِتَابِعٍ
पैरवी करने वाले
قِبْلَتَهُمْۚ
उनके क़िबले की
وَمَا
और ना
بَعْضُهُم
बाज़ उनका
بِتَابِعٍ
पैरवी करने वाला है
قِبْلَةَ
क़िबले की
بَعْضٍۚ
बाज़ के
وَلَئِنِ
और अलबत्ता अगर
ٱتَّبَعْتَ
पैरवी की आपने
أَهْوَآءَهُم
उनकी ख़्वाहिशात की
مِّنۢ
बाद उसके
بَعْدِ
बाद उसके
مَا
जो
جَآءَكَ
आ गया आपके पास
مِنَ
इल्म में से
ٱلْعِلْمِۙ
इल्म में से
إِنَّكَ
बेशक आप
إِذًا
तब
لَّمِنَ
ज़रूर ज़ालिमों मे से होंगे
ٱلظَّٰلِمِينَ
ज़रूर ज़ालिमों मे से होंगे

Walain atayta allatheena ootoo alkitaba bikulli ayatin ma tabi'oo qiblataka wama anta bitabi'in qiblatahum wama ba'duhum bitabi'in qiblata ba'din walaini ittaba'ta ahwaahum min ba'di ma jaaka mina al'ilmi innaka ithan lamina alththalimeena

यदि तुम उन लोगों के पास, जिन्हें किताब दी गई थी, कोई भी निशानी ले आओ, फिर भी वे तुम्हारे क़िबले का अनुसरण नहीं करेंगे और तुम भी उसके क़िबले का अनुसरण करने वाले नहीं हो। और वे स्वयं परस्पर एक-दूसरे के क़िबले का अनुसरण करनेवाले नहीं हैं। और यदि तुमने उस ज्ञान के पश्चात, जो तुम्हारे पास आ चुका है, उनकी इच्छाओं का अनुसरण किया, तो निश्चय ही तुम्हारी गणना ज़ालिमों में होगी

Tafseer (तफ़सीर )

ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
ءَاتَيْنَٰهُمُ
दी हमने उन्हें
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
يَعْرِفُونَهُۥ
वो पहचानते हैं उसे
كَمَا
जैसा कि
يَعْرِفُونَ
वो पहचानते हैं
أَبْنَآءَهُمْۖ
अपने बेटों को
وَإِنَّ
और बेशक
فَرِيقًا
एक गिरोह (के लोग)
مِّنْهُمْ
उनमें से
لَيَكْتُمُونَ
अलबत्ता वो छुपाते हैं
ٱلْحَقَّ
हक़ को
وَهُمْ
हालाँकि वो
يَعْلَمُونَ
वो जानते हैं

Allatheena ataynahumu alkitaba ya'rifoonahu kama ya'rifoona abnaahum wainna fareeqan minhum layaktumoona alhaqqa wahum ya'lamoona

जिन लोगों को हमने किताब दी है वे उसे पहचानते है, जैसे अपने बेटों को पहचानते है और उनमें से कुछ सत्य को जान-बूझकर छिपा रहे हैं

Tafseer (तफ़सीर )

ٱلْحَقُّ
हक़
مِن
आपके रब की तरफ़ से है
رَّبِّكَۖ
आपके रब की तरफ़ से है
فَلَا
पस हरगिज़ ना हों आप
تَكُونَنَّ
पस हरगिज़ ना हों आप
مِنَ
शक करने वालों मे से
ٱلْمُمْتَرِينَ
शक करने वालों मे से

Alhaqqu min rabbika fala takoonanna mina almumtareena

सत्य तुम्हारे रब की ओर से है। अतः तुम सन्देह करनेवालों में से कदापि न होगा

Tafseer (तफ़सीर )

وَلِكُلٍّ
और हर एक के लिए
وِجْهَةٌ
एक सिम्त है
هُوَ
वो
مُوَلِّيهَاۖ
फेरने वाला है (मुँह) उसकी तरफ़
فَٱسْتَبِقُوا۟
पस सबक़त करो तुम
ٱلْخَيْرَٰتِۚ
नेकियों में
أَيْنَ
जहाँ कहीं भी
مَا
जहाँ कहीं भी
تَكُونُوا۟
तुम होगे
يَأْتِ
ले आएगा
بِكُمُ
तुम्हें
ٱللَّهُ
अल्लाह
جَمِيعًاۚ
सबको
إِنَّ
बेशक
ٱللَّهَ
अल्लाह
عَلَىٰ
ऊपर
كُلِّ
हर
شَىْءٍ
चीज़ के
قَدِيرٌ
ख़ूब क़ुदरत रखने वाला है

Walikullin wijhatun huwa muwalleeha faistabiqoo alkhayrati ayna ma takoonoo yati bikumu Allahu jamee'an inna Allaha 'ala kulli shayin qadeerun

प्रत्येक की एक ही दिशा है, वह उसी की ओर मुख किेए हुए है, तो तुम भलाईयों में अग्रसरता दिखाओ। जहाँ कहीं भी तुम होगे अल्लाह तुम सबको एकत्र करेगा। निस्संदेह अल्लाह को हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है

Tafseer (तफ़सीर )

وَمِنْ
और जहाँ कहीं से
حَيْثُ
और जहाँ कहीं से
خَرَجْتَ
निकलें आप
فَوَلِّ
तो फेर लीजिए
وَجْهَكَ
चेहरा अपना
شَطْرَ
तरफ़
ٱلْمَسْجِدِ
मस्जिदे
ٱلْحَرَامِۖ
हराम के
وَإِنَّهُۥ
और बेशक वो
لَلْحَقُّ
अलबत्ता हक़ है
مِن
आपके रब की तरफ़ से
رَّبِّكَۗ
आपके रब की तरफ़ से
وَمَا
और नहीं है
ٱللَّهُ
अल्लाह
بِغَٰفِلٍ
ग़ाफ़िल
عَمَّا
उससे जो
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो

Wamin haythu kharajta fawalli wajhaka shatra almasjidi alharami wainnahu lalhaqqu min rabbika wama Allahu bighafilin 'amma ta'maloona

और जहाँ से भी तुम निकलों, 'मस्जिदे हराम' (काबा) की ओर अपना मुँह फेर लिया करो। निस्संदेह यही तुम्हारे रब की ओर से हक़ है। जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह उससे बेख़बर नहीं है

Tafseer (तफ़सीर )

وَمِنْ
और जहाँ कहीं से
حَيْثُ
और जहाँ कहीं से
خَرَجْتَ
निकलें आप
فَوَلِّ
तो फेर लीजिए
وَجْهَكَ
चेहरा अपना
شَطْرَ
तरफ़
ٱلْمَسْجِدِ
मस्जिदे
ٱلْحَرَامِۚ
हराम के
وَحَيْثُ
और जहाँ कहीं भी
مَا
और जहाँ कहीं भी
كُنتُمْ
हो तुम
فَوَلُّوا۟
तो फेर लो
وُجُوهَكُمْ
अपने चेहरों को
شَطْرَهُۥ
तरफ़ उसके
لِئَلَّا
ताकि ना
يَكُونَ
हो
لِلنَّاسِ
लोगों के लिए
عَلَيْكُمْ
तुम पर
حُجَّةٌ
कोई हुज्जत
إِلَّا
सिवाय
ٱلَّذِينَ
उनके जिन्होंने
ظَلَمُوا۟
ज़ुल्म किया
مِنْهُمْ
उनमें से
فَلَا
तो ना
تَخْشَوْهُمْ
तुम डरो उनसे
وَٱخْشَوْنِى
और डरो मुझसे
وَلِأُتِمَّ
और ताकि मैं पूरी कर दूँ
نِعْمَتِى
अपनी नेअमत
عَلَيْكُمْ
तुम पर
وَلَعَلَّكُمْ
और ताकि तुम
تَهْتَدُونَ
तुम हिदायत पा जाओ

Wamin haythu kharajta fawalli wajhaka shatra almasjidi alharami wahaythu ma kuntum fawalloo wujoohakum shatrahu lialla yakoona lilnnasi 'alaykum hujjatun illa allatheena thalamoo minhum fala takhshawhum waikhshawnee waliotimma ni'matee 'alaykum wala'allakum tahtadoona

जहाँ से भी तुम निकलो, 'मस्जिदे हराम' की ओर अपना मुँह फेर लिया करो, और जहाँ कहीं भी तुम हो उसी की ओर मुँह कर लिया करो, ताकि लोगों के पास तुम्हारे ख़िलाफ़ कोई हुज्जत बाक़ी न रहे - सिवाय उन लोगों के जो उनमें ज़ालिम हैं, तुम उनसे न डरो, मुझसे ही डरो - और ताकि मैं तुमपर अपनी नेमत पूरी कर दूँ, और ताकि तुम सीधी राह चलो

Tafseer (तफ़सीर )