كَلَّاۗ سَنَكْتُبُ مَا يَقُوْلُ وَنَمُدُّ لَهٗ مِنَ الْعَذَابِ مَدًّا ۙ ( مريم: ٧٩ )
Nay
كَلَّاۚ
हरगिज़ नहीं
We will record
سَنَكْتُبُ
अनक़रीब हम लिख लेंगे
what
مَا
जो
he says
يَقُولُ
वो कहता है
and We will extend
وَنَمُدُّ
और हम बढ़ाते जाऐंगे
for him
لَهُۥ
उसके लिए
from
مِنَ
अज़ाब में से
the punishment
ٱلْعَذَابِ
अज़ाब में से
extensively
مَدًّا
बढ़ाना
Kalla sanaktubu ma yaqoolu wanamuddu lahu mina al'athabi maddan (Maryam 19:79)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कदापि नहीं, हम लिखेंगे जो कुछ वह कहता है और उसके लिए हम यातना को दीर्घ करते चले जाएँगे।
English Sahih:
No! We will record what he says and extend [i.e., increase] for him from the punishment extensively. ([19] Maryam : 79)