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وَاِذَا تُتْلٰى عَلَيْهِمْ اٰيٰتُنَا بَيِّنٰتٍ قَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لِلَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓاۙ اَيُّ الْفَرِيْقَيْنِ خَيْرٌ مَّقَامًا وَّاَحْسَنُ نَدِيًّا   ( مريم: ٧٣ )

And when
وَإِذَا
और जब
are recited
تُتْلَىٰ
पढ़ी जाती हैं
to them
عَلَيْهِمْ
उन पर
Our Verses
ءَايَٰتُنَا
आयात हमारी
clear
بَيِّنَٰتٍ
वाज़ेह
say
قَالَ
कहते हैं
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
to those who
لِلَّذِينَ
उनसे जो
believed
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए
"Which
أَىُّ
कौन सा
(of) the two groups
ٱلْفَرِيقَيْنِ
दोनों फ़रीक़ों में से
(is) better
خَيْرٌ
बेहतर है
(in) position
مَّقَامًا
मक़ाम में
and best
وَأَحْسَنُ
और ख़ूबतर
(in) assembly?"
نَدِيًّا
मजलिस में

Waitha tutla 'alayhim ayatuna bayyinatin qala allatheena kafaroo lillatheena amanoo ayyu alfareeqayni khayrun maqaman waahsanu nadiyyan (Maryam 19:73)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जब उन्हें हमारी खुली हुई आयतें सुनाई जाती है तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया, वे ईमान लानेवालों से कहते हैं, 'दोनों गिरोहों में स्थान की स्पष्ट से कौन उत्तम है और कौन मजलिस की दृष्टि से अधिक अच्छा है?'

English Sahih:

And when Our verses are recited to them as clear evidences, those who disbelieve say to those who believe, "Which of [our] two parties is best in position and best in association?" ([19] Maryam : 73)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जब हमारी वाज़ेए रौशन आयतें उनके सामने पढ़ी जाती हैं तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया ईमानवालों से पूछते हैं भला ये तो बताओ कि हम तुम दोनों फरीक़ो में से मरतबे में कौन ज्यादा बेहतर है और किसकी महफिल ज्यादा अच्छी है