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اَسْمِعْ بِهِمْ وَاَبْصِرْۙ يَوْمَ يَأْتُوْنَنَا لٰكِنِ الظّٰلِمُوْنَ الْيَوْمَ فِيْ ضَلٰلٍ مُّبِيْنٍ   ( مريم: ٣٨ )

How they will hear!
أَسْمِعْ
क्या ख़ूब सुनने वाले होंगे वो
How they will hear!
بِهِمْ
क्या ख़ूब सुनने वाले होंगे वो
and how (they will) see!
وَأَبْصِرْ
और क्या ख़ूब देखने वाले
(the) Day
يَوْمَ
जिस दिन
they will come to Us
يَأْتُونَنَاۖ
वो आऐंगे हमारे पास
but
لَٰكِنِ
लेकिन
the wrongdoers
ٱلظَّٰلِمُونَ
ज़ालिम लोग
today
ٱلْيَوْمَ
आज
(are) in
فِى
गुमराही में हैं
error
ضَلَٰلٍ
गुमराही में हैं
clear
مُّبِينٍ
खुली

Asmi' bihim waabsir yawma yatoonana lakini alththalimoona alyawma fee dalalin mubeenin (Maryam 19:38)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

भली-भाँति सुननेवाले और भली-भाँति देखनेवाले होंगे, जिस दिन वे हमारे समाने आएँगे! किन्तु आज ये ज़ालिम खुली गुमराही में पड़े हुए है

English Sahih:

How [clearly] they will hear and see the Day they come to Us, but the wrongdoers today are in clear error. ([19] Maryam : 38)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जिस दिन ये लोग हमारे हुज़ूर में हाज़िर होंगे क्या कुछ सुनते देखते होंगे मगर आज तो नफ़रमान लोग खुल्लम खुल्ला गुमराही में हैं