فَاخْتَلَفَ الْاَحْزَابُ مِنْۢ بَيْنِهِمْۚ فَوَيْلٌ لِّلَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْ مَّشْهَدِ يَوْمٍ عَظِيْمٍ ( مريم: ٣٧ )
But differed
فَٱخْتَلَفَ
तो इख़्तिलाफ़ किया
the sects
ٱلْأَحْزَابُ
गिरोहों ने
from among them
مِنۢ
आपस में
from among them
بَيْنِهِمْۖ
आपस में
so woe
فَوَيْلٌ
तो हलाकत है
to those who
لِّلَّذِينَ
उनके लिए जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
from
مِن
हाज़री से
(the) witnessing
مَّشْهَدِ
हाज़री से
(of) a Day
يَوْمٍ
बड़े दिन की
great
عَظِيمٍ
बड़े दिन की
Faikhtalafa alahzabu min baynihim fawaylun lillatheena kafaroo min mashhadi yawmin 'atheemin (Maryam 19:37)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
किन्तु उनमें कितने ही गिरोहों ने पारस्परिक वैमनस्य के कारण विभेद किया, तो जिन लोगों ने इनकार किया उनके लिए बड़ी तबाही है एक बड़े दिन की उपस्थिति से
English Sahih:
Then the factions differed [concerning Jesus] from among them, so woe to those who disbelieved – from the scene of a tremendous Day. ([19] Maryam : 37)