مَا كَانَ لِلّٰهِ اَنْ يَّتَّخِذَ مِنْ وَّلَدٍ سُبْحٰنَهٗ ۗاِذَا قَضٰٓى اَمْرًا فَاِنَّمَا يَقُوْلُ لَهٗ كُنْ فَيَكُوْنُ ۗ ( مريم: ٣٥ )
Not
مَا
नहीं
(it) is
كَانَ
है (लायक़)
for Allah
لِلَّهِ
अल्लाह के
that
أَن
कि
He should take
يَتَّخِذَ
वो बनाए
any son
مِن
कोई औलाद
any son
وَلَدٍۖ
कोई औलाद
Glory be to Him!
سُبْحَٰنَهُۥٓۚ
पाक है वो
When
إِذَا
जब
He decrees
قَضَىٰٓ
वो फ़ैसला करता है
a matter
أَمْرًا
किसी काम का
then only
فَإِنَّمَا
तो बेशक
He says
يَقُولُ
वो कहता है
to it
لَهُۥ
उसे
"Be"
كُن
हो जा
and it is
فَيَكُونُ
तो वो हो जाता है
Ma kana lillahi an yattakhitha min waladin subhanahu itha qada amran fainnama yaqoolu lahu kun fayakoonu (Maryam 19:35)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अल्लाह ऐसा नहीं कि वह किसी को अपना बेटा बनाए। महान और उच्च है, वह! जब वह किसी चीज़ का फ़ैसला करता है तो बस उसे कह देता है, 'हो जा!' तो वह हो जाती है। -
English Sahih:
It is not [befitting] for Allah to take a son; exalted is He! When He decrees an affair, He only says to it, "Be," and it is. ([19] Maryam : 35)